इजरायल-हमास जंग: अमेरिका के विरोध का भी नहीं हुआ असर, गाजा के बाद अब इस शहर को कब्रिस्तान बनाने के लिए आगे बढ़ रही आईडीएफ

  • 6 महीने से जारी है इजरायल-हमास जंग
  • गाजा के बाद राफा पर हमले की ओर बढ़ी आईडीएफ
  • अमेरिका की अपील का नेतन्याहू पर नहीं पड़ा आसर

Anchal Shridhar
Update: 2024-03-17 18:46 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हमास और इजरायल के बीच बीते 6 महीने से जंग जारी है। गाजा शहर में तबाही मचाने के बाद नेतन्याहू की सेना राफा शहर की ओर तेजी से बढ़ रही है। उस पर अमेरिका समेत अन्य पश्चिमी देशों विरोध और यहां तक कि डब्ल्यूएचओ और अन्य वैश्विक संगठनों की अपील का भी कुछ असर नहीं पड़ रहा है। पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि उनकी सेना गाजा में अपने हमलों को कम नहीं करेगी। उन्होंने हमास के खात्मे की अपनी कसम दोहराते हुए गाजा के बाद राफा शहर पर हमला करने की बात कही। उनके इस फैसले के बाद गाजा से जान बचाकर राफा शहर गए करीब 15 लाख शरणार्थियों का जीवन एक बार फिर खतरे में पड़ गया है।

आईडीएफ द्वारा गाजा शहर पर किए हमलों में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल के हमलों से गाजा सिटी में जान गंवाने वालों की संख्या 31 हजार के पार पहुंच चुकी है। मरने वालों में सबसे ज्यादा महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं। मंत्रालय के मुताबिक गाजा में स्वास्थ्य सेवाएं ध्वस्त हो चुकी हैं। शहर खंडहर में परिवर्तित हो चुका है। हर ओर तबाही मची हुई है।

इस बीच नेतन्याहू ने गाजा में कत्लेआम मचाने के बाद राफा पर हमले का ऐलान किया है। जिसके बाद दुनिया के तमाम देशों को वहां शरण लिए गाजा के लाखों लोगों और वहां के स्थानीय लोगों की जान की चिंता सताने लगी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो जंग की शुरूआत में इजरायल के साथ खड़े थे और उसे सैन्य सहायता दे रहे थे वो अब नेतन्याहू की राफा पर हमले की धमकी पर चिंता जाहिर कर चुके हैं। उनका कहना है कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए विश्वसनीय उपाय सुनिश्चित किए बिना राफा पर हमला एक रेडलाइन साबित होगी। वहीं डब्ल्यूएचओ ने मानवता के नाम पर इजरायल से हमला न करने की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि इस मानवीय आपदा को बदतर नहीं होने देना चाहिए। 

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