सिंगापुर मीटिंग के बाद किम जोंग को व्हाइट हाउस बुला सकते हैं प्रेसीडेंट ट्रंप

सिंगापुर मीटिंग के बाद किम जोंग को व्हाइट हाउस बुला सकते हैं प्रेसीडेंट ट्रंप

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-08 13:08 GMT
सिंगापुर मीटिंग के बाद किम जोंग को व्हाइट हाउस बुला सकते हैं प्रेसीडेंट ट्रंप
हाईलाइट
  • एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था संकट में आ गई है।
  • डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग-उन के बीच 12 जून को सिंगापुर में होगी मीटिंग
  • प्रेसीडेंट ट्रंप ने कहा- अगर उनके लक्ष्य पूरे नहीं होते हैं तो वह बैठक से पीछे हट सकते हैं।

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग-उन की मुलाकात का दिन तय हो चुका है। काफी समय से दोनों की मीटिंग को लेकर काफी संशय बना हुआ था,क्योंकि प्रेसीडेंट ट्रंप किम से नाराज चल रहे थे। हालांकि किम जोंग उन मुलाकात करना चाहते थे। नार्थ कोरिया की काफी कोशिशों के बाद तय हुआ कि दोनों की बैठक 12 जून को होगी। यह मुलाकात अच्छी रही तो ट्रंप तानाशाह किम को व्हाइट हाउस आने का न्यौता दे सकते हैं।

 

सिंगापुर के पास द्वीप में होगी मीटिंग

हालांकि प्रेसीडेंट ट्रंप की ओर से कहा गया है कि अगर बातचीत ठीक नहीं रही तो वो बैठक से "हट जाएंगे"। ट्रंप ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ चर्चा करने के बाद यह बातें की। ट्रंप और किम के बीच यह मीटिंग सिंगापुर के पास एक छोटे से द्वीप पर होगी। यह शिखर मुलाकात किसी नॉर्थ कोरियाई लीडर और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच होने वाली पहली मुलाकात होगी। पिछले हफ्ते ही प्रेसीडेंट ट्रंप ने किम की निजी चिट्ठी के बारे में कहा था कि "पत्र सिर्फ अभिवादन था, ये सच में बहुत अच्छा था। संभवत: मैं उसे सार्वजनिक करने की अनुमति प्राप्त कर सकता हूं।"

 

सिंगापुर सरकार उठाएगी कुछ खर्च

इसके साथ ही ट्रंप ने साफ किया कि अगर उनके लक्ष्य पूरे नहीं होते हैं तो वो अब भी इस बैठक से पीछे हट सकते हैं। संभवत: इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी, आशा करता हूं कि पीछे हटने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि मेरा मानना है कि किम जोंग-उन सचमुच कुछ ऐसा करना चाहते हैं जो उनके लोगों, उनके परिजनों और खुद उनके लिए बेहतर होगा।" दोनों देशों की बैठक आयोजित करने के लिए बेताब दिख रही सिंगापुर सरकार ने इस शिखर वार्ता का कुछ खर्च उठाने की सहमति दे दी है। सिंगापुर के रक्षा मंत्री एनजी इंग हेन ने शनिवार को मीडिया के सामने इसकी पुष्टि भी की।

 

संकट में उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था

दरअसल एक रिपोर्ट में सामने आया था कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के प्रतिबंधों के कारण उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था संकट में आ गई है। जिसके चलते देश नकदी संकट का सामना कर रहा है। ट्रंप ने कहा कि यह बैठक आगे आने वाली कई बैठकों की प्रक्रिया शुरू होने की दिशा में पहला कदम है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की मौजूदगी में व्हाइट हाउस में कहा, "मुझे लगता है कि यह सिर्फ एक बैठक तक सीमित नहीं रहेगा।" ट्रंप ने आगे कहा कि उन्हें बहुत जल्द ही पता चल जाएगा कि क्या किम जोंग अमेरिकी मांगों को लेकर गंभीर है या नहीं। इन मांगों में कोरियाई प्रायद्वीप का पूर्ण निरस्त्रीकरण भी शामिल है।

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