Afghanistan : अशरफ गनी एक बार फिर बने राष्ट्रपति, 5 महीनों की देरी से घोषित हुए नतीजे

Afghanistan : अशरफ गनी एक बार फिर बने राष्ट्रपति, 5 महीनों की देरी से घोषित हुए नतीजे

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-18 14:37 GMT
Afghanistan : अशरफ गनी एक बार फिर बने राष्ट्रपति, 5 महीनों की देरी से घोषित हुए नतीजे
हाईलाइट
  • अफगानिस्तान में मतदान के लगभग पांच महीने बाद रिजल्ट घोषित
  • अशरफ गनी एक बार फिर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति बन गए
  • अशरफ गनी को लगभग 50.64% वोट मिले

डिजिटल डेस्क, काबुल। अफगानिस्तान के चुनाव निकाय ने मतदान के लगभग पांच महीने बाद मंगलवार को अशरफ गनी को 2019 के राष्ट्रपति चुनाव का विजेता घोषित किया। गनी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला के मतपत्रों की गिनती में धांधली और तकनीकी समस्याओं के आरोपों के चलते लगभग पांच महीने बाद ये नतीजे जारी हुए।

गनी को मिले 50.64% वोट
चुनाव आयोग के चीफ हवा आलम नूरिस्तानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि "गनी को 923,592 या 50.64% वोट मिले। जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला को 720,841 या 39.52% वोट मिले। दिसंबर में अब्दुल्ला ने उन प्रांतों में बैलेट की रिकाउंटिंग के लिए सहमत हुए था जहां उनके समर्थकों ने लगभग प्रक्रिया को लगभग एक महीने तक रोक दिया था। नवंबर में भी चुनाव आयोग ने बैलेट रिकाउंट को लॉन्च करने को शिश की थी, लेकिन अब्दुल्ला ने यह कहते हुए इस प्रयास को रोक दिया था कि वह अपने पर्यवेक्षकों को भाग लेने नहीं देगा।

अमेरिका के दबाव में किया था एकता सरकार का गठन
2014 में अफगानिस्तान के पिछले चुनावों में दोनों नेताओं की जीत का दावा करने के बाद गनी और अब्दुल्ला ने अमेरिकी दबाव में एकता सरकार का गठन किया था। इस सरकार में अब्दुल्ला ने देश के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में काम किया था। अमेरिका के रक्षा सचिव मार्क ग्रो ने संयुक्त राज्य अमेरिका और तालिबान के बीच एक समझौते की घोषणा के कुछ दिनों बाद ये नतीजे घोषित किए, जिससे देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो सकती है।

तालिबान-अमेरिका समझौते को अंतिम रूप
उधर, अफगान एकता सरकार के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने सोमवार को दावा किया कि तालिबान और अमेरिका के बीच शांति समझौते को अंतिम रूप दिया जा चुका है। अब्दुल्ला ने मंत्रिपरिषद के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने इस समझौते पर सहमति जता दी है लेकिन इस समझौते पर हस्ताक्षर अगले सात दिनों में हिंसा में कमी आने पर निर्भर करते हैं।

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