Bribery Case: बस निर्माता कंपनी स्कैनिया ने 7 राज्यों में ठेके के लिए 2013 से 2016 के बीच दी थी रिश्वत, रिपोर्ट में ‘मंत्री’ का भी जिक्र

Bribery Case: बस निर्माता कंपनी स्कैनिया ने 7 राज्यों में ठेके के लिए 2013 से 2016 के बीच दी थी रिश्वत, रिपोर्ट में ‘मंत्री’ का भी जिक्र

Bhaskar Hindi
Update: 2021-03-10 18:14 GMT
Bribery Case: बस निर्माता कंपनी स्कैनिया ने 7 राज्यों में ठेके के लिए 2013 से 2016 के बीच दी थी रिश्वत, रिपोर्ट में ‘मंत्री’ का भी जिक्र

डिजिटल डेस्क, स्टॉकहोम। स्वीडन के न्यूज चैनल SVT ने दावा किया है कि उनके देश की ट्रक और बस निर्माता कंपनी स्कैनिया ने भारत में सात राज्यों में कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए साल 2013 से 2016 के बीच रिश्वत दी थी। 

बता दें कि SVT ने जर्मन ब्रॉडकास्टर ZDF और भारत के कॉन्फ्लुएंस के साथ मिलकर जांच कर एक रिपोर्ट बनाई। इसके मुताबिक एक भारतीय मंत्री को भी रिश्वत दी गई थी, लेकिन किसी का नाम उजागर नहीं किया गया है। रॉयटर्स के मुताबिक भारत सरकार के प्रतिनिधि ने बिजनस आवर्स के बाहर जवाब देने से इनकार कर दिया।

लाइसेंस प्लेट बदलकर बेचने की कोशिश
रिपोर्ट के मुताबिक स्कैनिया ने ट्रक के मॉडल्स में भी फर्जीवाड़ा किया और लाइसेंस की प्लेटें बदलकर भारतीय खनन कंपनी को बेचने की कोशिश की। यह डील 1.18 करोड़ डॉलर में की जा रही थी। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि स्कैनिका के बिजनस कोड के उल्लंघन के पर्याप्त सबूत हैं, जिससे कंपनी कड़ी कार्रवाई कर सकती है, लेकिन इतने मजबूत नहीं हैं कि अभियोजन चलाया जाए।

2017 में शुरू की थी मामले की जांच
बता दें कि कंपनी के प्रवक्ता के मुताबिक मामले की जांच 2017 में शुरू की थी, जिसमें सीनियर प्रबंधन समेत कई कर्मचारियों की गलती पाई गई थी। स्कैनिया फॉक्सवैगन एजी की कमर्शियल व्हीइकल आर्म्स Traton SE की यूनिट है, जिसने भारत में 2007 में ऑपरेशन्स शुरू किए थे और उत्पादन 2011 में शुरू किया था। 

बिजनस पार्टनर के जरिए दी गई थी रिश्वत
कंपनी के प्रवक्ता के मुताबिक मामले में बिजनस पार्टनर के जरिए रिश्वत दी गई थी। उन्होंने बताया कि उसके बाद से स्कैनिया ने भारतीय बाजार में बसें बेचना बंद कर दिया और फैक्ट्री को भी बंद कर दिया गया।

रद्द हुए कॉन्ट्रैक्ट
CEO हेनरिक हेनरिकसन ने SVT को बताया कि हम नासमझ हो सकते हैं लेकिन हमने ऐसा किया। हम भारत में बड़ी सफलता हासिल करना चाहते थे लेकिन हमने जोखिम का सही आकलन नहीं किया। हेनरिकसन ने बताया कि भारत में गलती कुछ लोगों ने की थी जिन्होंने कंपनी छोड़ दी है और जितने बिजनस पार्टनर इससे जुड़े थे, उनके कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिए गए हैं।

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