चीन ने ताइवान को फिर दी गीदड़ भभकी: जरूरत पड़ने पर करेंगे सैन्य बल का इस्तेमाल

चीन-ताइवान विवाद चीन ने ताइवान को फिर दी गीदड़ भभकी: जरूरत पड़ने पर करेंगे सैन्य बल का इस्तेमाल

IANS News
Update: 2022-08-10 12:30 GMT
चीन ने ताइवान को फिर दी गीदड़ भभकी: जरूरत पड़ने पर करेंगे सैन्य बल का इस्तेमाल
हाईलाइट
  • हम ताइवान में किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। चीन ने एक बार फिर से स्व-शासित ताइवान को अपने नियंत्रण में लाने के लिए सैन्य बल का उपयोग करने की धमकी दी है। ताइवान को लेकर जारी तनाव के बीच चीन ने बुधवार को फिर से धमकी दी कि जरूरत पड़ने पर वह लोकतांत्रिक स्वशासी द्वीप को सैन्य तरीके से अपने कब्जे में ले लेगा। डीपीए समाचार एजेंसी ने ताइवान के मुद्दे पर चीनी सरकार द्वारा प्रकाशित एक श्वेत पत्र के हवाले से कहा, हम पूरी ईमानदारी के साथ काम करेंगे और शांतिपूर्ण पुनर्मिलन हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

इसमें कहा गया है, लेकिन हम बल के उपयोग को नहीं छोड़ेंगे और हम सभी आवश्यक उपाय करने का विकल्प सुरक्षित रखते हैं। मजबूर परिस्थितियों में बल का प्रयोग अंतिम उपाय होगा। अलगाववादी तत्वों या बाहरी ताकतों के उकसावे का जवाब देने के लिए हमें केवल कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, अगर वे कभी भी हमारी रेड लाइन को पार करते हैं।

ताइवान और उसके समर्थकों को धमकी देते हुए चीन ने आगे कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है, हम ताइवान में किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे, हम अपने देश को विभाजित करने के किसी भी प्रयास को विफल कर देंगे। हम राष्ट्रीय पुनर्मिलन और कायाकल्प के लिए एक शक्तिशाली ताकत के रूप में गठबंधन करेंगे। इसने आगे कहा कि अपनी मातृभूमि को फिर से जोड़ने के ऐतिहासिक लक्ष्य को साकार किया जाना चाहिए और इसे साकार किया जाएगा। ताइवान सीमा पर आक्रामक युद्धाभ्यास करने के एक सप्ताह बाद भी चीन अपनी गीदड़ भभकी से बाज नहीं आ रहा है। चीन पहले भी ताइवान को लेकर बार-बार इसी तरह की धमकियां दे चुका है।

नवीनतम तनाव पिछले हफ्ते अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी द्वारा ताइपे की यात्रा से शुरू हुआ, जिन्होंने बीजिंग के भयंकर विरोध के बावजूद वहां की यात्रा की। जवाब में, चीन ने ताइवान के आसपास के छह समुद्री क्षेत्रों में लाइव-फायर अभ्यास सहित युद्धाभ्यास शुरू कर दिया। चीनी नेतृत्व ताइवान के साथ अन्य देशों द्वारा इस तरह के आधिकारिक संपर्क को अस्वीकार करता है, क्योंकि वह द्वीप को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है। दूसरी ओर, ताइवान ने लंबे समय से खुद को स्वतंत्र के रूप में देखा है।

(आईएएनएस)

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