मसूद पर बैन के लिए भारत से बातचीत करना चाहता है चीन, कहा...मिल-जुलकर सुलझा लेंगे मसला

मसूद पर बैन के लिए भारत से बातचीत करना चाहता है चीन, कहा...मिल-जुलकर सुलझा लेंगे मसला

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-30 13:38 GMT
मसूद पर बैन के लिए भारत से बातचीत करना चाहता है चीन, कहा...मिल-जुलकर सुलझा लेंगे मसला
हाईलाइट
  • अमेरिका
  • फ्रांस और ब्रिटेन ने भी चीन पर डाला था दबाव
  • एक दिन पहले ही खत्म हुआ है इमरान का चीन दौरा
  • मसूद मामले पर चीन दिखा रहा नरमी

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के मामले में चीन अब नरमी दिखा रहा है। अपने पुराने रुख के विपरीत चीन अब इस मामले को बातचीत के जरिए हल करने की कोशिश करने की बात कह रहा है, हालांकि इसके लिए चीन ने कोई समय निर्धारित नहीं किया है। 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का चीन दौरा एक दिन पहले ही खत्म हुआ है। ऐसे में चीन की तरफ से आए इस बयान को अहम माना जा रहा है, बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो का इस्तेमाल कर चीन कई बार मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित होने से बचा चुका है, मार्च में चौथी बार इस प्रस्ताव पर चीन ने अड़ंगा लगाया था, पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था, इस हमले में जैश ए मोहम्मद का नाम सामने आया था, जिसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस आतंकी मसूद को ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित करने का प्रस्ताव लेकर आए थे। 

चीन ने कहा है कि इस मसले का सही हल निकाला जाएगा, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि इस मामले को हल करने के लिए काम किया जाएगा, दरअसल, संयुक्त राष्ट्र परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत ही ये प्रस्ताव आया था। इस बार प्रस्ताव पर अड़ंगा लगाने के बाद चीन के ऊपर फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने भी दबाव बनाया था। चीन ने कहा कि हमे विश्वास है कि सभी पक्षों की सहमति से इसे आगे बढ़ाया जा सकेगा।

कौन है मसूद अजहर
मसूद अजहर पाकिस्तान में रहकर जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकी संगठन चलाता है, 1999 में कंधार विमान अपहरण कांड के बाद भारत को उसे रिहा करना पड़ा था। तब भारत की मजबूरी थी क्योंकि इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 के 178 यात्रियों को सही सलामत आतंकियों के कब्जे से छुड़ाना था। मसूद अजहर छूट तो गया था, लेकिन उसके बाद मसूद अजहर ने भारत के खिलाफ जो जंग छेड़ी वो आज तक खत्म नहीं हुई है। भारत के चंगुल से छूटते ही मसूद ने जैश-ए-मोहम्मद बनाया और दो साल में ही मसूद अजहर ने 2001 में संसद पर हमला करके एहसास कराया कि उसे छोड़ना कितनी बड़ी भूल थी। संसद हमले के बाद मसूद ने इसी साल भारत के खिलाफ नए सिरे से आतंकी हमले को अंजाम देना शुरू किया। पठानकोट एयरबेस पर हमला मसूद के आतंकियों ने किया। 7 महीने के बाद फिर मसूद ने उरी में सेना मुख्यालय पर हमला करके खुद को भारत का दुश्मन नंबर एक साबित कर दिया है। 

 

 

 

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