Coronavirus in World: अब तक 25 लाख संक्रमित, फ्रांसीसी प्रोफेसर का दावा, एड्स का इलाज खोजने की कोशिश का परिणाम है कोरोना

Coronavirus in World: अब तक 25 लाख संक्रमित, फ्रांसीसी प्रोफेसर का दावा, एड्स का इलाज खोजने की कोशिश का परिणाम है कोरोना

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-22 09:48 GMT
Coronavirus in World: अब तक 25 लाख संक्रमित, फ्रांसीसी प्रोफेसर का दावा, एड्स का इलाज खोजने की कोशिश का परिणाम है कोरोना

डिजिटल डेस्क, पेरिस। कोरोना वायरस के कारण लगभग सभी देशों ने लॉकडाउन कर रखा है। बावजूद इसके हर दिन इस वायरस के संक्रमण से हजारों लोगों की मौत हो रही है। www.worldometers.info/coronavirus के आंकड़ों के अनुसार बुधवार दोपहर 2 बजे तक पूरी दुनिया में 25 लाख 65 हजार 879 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 1 लाख 77 हजार 789 लोगों की मौत हो चुकी है और 6 लाख 96 हजार 861 स्वस्थ हुए हैं। 16 लाख 91 हजार 229 लोग अस्पतालों में कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। इनमें से 57 हजार 297 लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है।

इस वायरस के कारण सबसे ज्यादा अमेरिका प्रभावित हुआ है। यहां अब तक सं​क्रमितों की संख्या 8 लाख के पार चली गई है और 45 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इस सबके बीच एचआईवी यानी ह्यूमन इम्यूनोडिफिसियंसी वायरस की खोज करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता फ्रांसीसी प्रोफेसर लुक मोन्टाग्नियर ने दावा किया है कि कोरोना वायरस एड्स का इलाज खोजने के लिए वैक्सीन विकसित करने की कोशिश का परिणाम है।

साल 2000 से वुहान की लैब में किए जा रहे परीक्षण 
एक फ्रांसीसी समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रो. लुक ने बताया कि नए वायरस के जीनोम में मौजूद एचआईवी और यहां तक कि मलेरिया के कीटाणुओं के तत्वों की मौजूदगी इसकी ओर इशारा करती है। प्रो. लुक ने कहा कि नया कोरोना वायरस प्राकृतिक रूप से उत्पन्न हुआ नहीं लगता। उन्होंने बताया कि दुनियाभर में यह बात कही जा रही है कि कोरोना वायरस एक "औद्योगिक हादसा" है और इसे वुहान नेशनल बायोसेफ्टी लैब तैयार किया गया है। उन्होंने दावा किया कि वुहान सिटी लैब में इस तरह के कोरोना वायरस में साल 2000 से अध्ययन किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने वायरस को खत्म करने के लिए तरंगों की थ्योरी (वेव थ्योरी) का प्रस्ताव भी दिया है।

इस वायरस को प्रकृति अपने आप खत्म नहीं कर सकती 
बता दें कि इस थ्योरी को लेकर बीते समय में लुक का काफी मजाक भी उड़ाया जा चुका है। पेरिस के एक वायरोलॉजिस्ट ईटियन साइमन का दावा है कि लुक की बात में तथ्य नहीं हैं। ऐसे जेनेटिक सीक्वेंस दूसरे कोरोना वायरस में भी पाए जाते हैं, कुछ जीनों के हिस्से पौधों या बैक्टीकिया जैसे भी लगते हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम किसी किताब का एक शब्द लें और वह किसी दूसरी किताब में भी हो तो इसका मतलब यह नहीं है कि पूरी किताब की ही नकल की गई है। ऐसा ही इस मामले में भी है। कोरोना को खत्म करने में वेव थ्योरी की उपयोगिता पर उन्होंने कहा कि इन्हें प्रकृति अपने आप खत्म नहीं कर सकती है।


 

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