इजराइल में तीन साल के भीतर पांचवीं बार होने जा रहे हैं आम चुनाव, जानिए क्यों नहीं मिल पा रहा फुलटाइम पीएम?

इजराइल आम चुनाव-2022 इजराइल में तीन साल के भीतर पांचवीं बार होने जा रहे हैं आम चुनाव, जानिए क्यों नहीं मिल पा रहा फुलटाइम पीएम?

Anupam Tiwari
Update: 2022-11-01 12:23 GMT
इजराइल में तीन साल के भीतर पांचवीं बार होने जा रहे हैं आम चुनाव, जानिए क्यों नहीं मिल पा रहा फुलटाइम पीएम?
हाईलाइट
  • एक के बाद एक तीन साल में पांचवीं बार आम चुनाव हो रहे हैं

डिजिटल डेस्क, यरूशलम। ब्रिटेन के बाद अब इजराइल में सियासी हलचल तेज है। इजराइल में एक बार फिर से आम चुनाव होने जा रहे हैं। अबकी बार इजराइल में तीन साल के भीतर पांचवा आम चुनाव होगा। यह जानकर हर किसी को हैरानी हो रही है कि इजराइल में राजनीतिक अस्थिरता की क्या वजह है? इन सभी सवालों को जानने के लिए आइए ऐसे समझते हैं।

क्यों हो रहे हैं इजराइल में दोबारा चुनाव?

इजराइल में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत न मिलने की वजह से एक के बाद एक तीन साल में पांचवीं बार आम चुनाव हो रहे हैं। इससे साफ है कि कोई भी दल सरकार बनाने की हालात में नहीं रहा क्योंकि उसके पास बहुमत का अभाव था। 
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार आम चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी दोबारा सत्ता में वापसी करती दिख रही है। इस साल की शुरूआत में अप्रैल महीने में सांसद इडित सिलमैन ने प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट की धार्मिक-राष्ट्रवादी यामिना पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उसके इस्तीफे के बाद ही यामिना पार्टी अल्पमत में आई थी। उस वक्त बेनेट ने आरोप लगाया था कि नेतन्याहू के समर्थकों ने सिलमैन को डराया धमकाया था और महीनों तक सताया था। जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट के बाद ही कहा गया कि उत्पीड़न के बाद सिलमैन को गठबंधन छोड़ना पड़ा।

हालांकि, सिलमैन ने इस्तीफे की वजह स्वास्थ्य मंत्री नित्जन होरोविट्ज की तरफ से अस्पतालों को दिए गए निर्देश को बताया था। गौरतलब है कि इजराइली स्वास्थ्य मंत्री ने अजीबोगरीब बयान दिया था और कहा था कि फसह के त्योहार के दौरान आगंतुकों को खमीरी रोटी के साथ अस्पताल में प्रवेश करने की इजाजत दी जाए। यह एक ऐसा आदेश था, जो यहूदी धार्मिक कानूनों के तहत निषिद्ध है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री का ये आदेश वहां के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया था। 

क्यों गठबंधन करना मजबूरी बन जाता है?

सिलमैन के इस्तीफे के बाद से आठ पार्टियों के गठबंधन टूट गए, जिससे राजनीतिक अस्थिरता होना लाजमी था। गौरतलब है कि इजराइल में संसदीय प्रणाली में अलग-अलग तरह के कई दल है। इनमें से कोई भी दल इजराइल संसद में अकेले दम पर कभी भी बहुमत हासिल नहीं कर पाया है। इसी वजह से पार्टियों को सरकार बनाने के लिए आवश्यक 61 सीटों तक पहुंचने के लिए गठबंधन की मजबूरी बन जाती है। इसी वजह से अगर एक भी सदस्य अपने पद से इस्तीफा दे दिया तो राजनीतिक उठापटक होना स्वाभाविक हो जाता है। खैर, कुछ ऐसा ही यहां देखने को मिला। 

इजराइल के राष्ट्रपति ने जनता से की अपील

इजराइल के राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने मंगलवार को सुबह यरूशलम में मतदान के दौरान वहां के नागरिकों से अपने मताधिकार करने की अपील की। इजराइल में एक बार फिर से मंगलवार सुबह से चुनाव शुरू हो गया है, कयास यही लगाया जा रहा है कि इस बार एक स्थिर सरकार बनेगी। मतदान केंद्र पर वोटिंग स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे शुरू हुआ। जो रात 10 बजे तक चलेगा लेकिन आधिकारिक नतीजे बुधवार तक आने की संभावना नहीं है। इजराइल में सरकार बनाने की प्रक्रिया हफ्तों तक चल सकती है।

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