सीमा विवाद के बावजूद नहीं हो रहा चाइना के सामान का बहिष्कार, 75% तक बढ़ा आयात 

चीन से बढ़ रहा व्यापारिक संबंध सीमा विवाद के बावजूद नहीं हो रहा चाइना के सामान का बहिष्कार, 75% तक बढ़ा आयात 

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-26 11:14 GMT
सीमा विवाद के बावजूद नहीं हो रहा चाइना के सामान का बहिष्कार, 75% तक बढ़ा आयात 
हाईलाइट
  • ऑक्सीमीटर
  • डिजिटल थर्मामीटर और केमिकल रीएजेंट का हो रहा आयात

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। कोरोना काल के दौरान भारत ही नहीं बल्कि, दुनिया के तमाम देश चीन से नाराजगी व्यक्त कर चुके है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने डोनाल्ड ट्रंप ने तो खुलेआम चीन पर कई आरोप लगाए थे। वहीं भारत में चीन के सामान का जमकर बहिष्कार किया गया और उसके खिलाफ नारेबाजी भी की गई। लेकिन, इन सब के बाद भी अब चीन के साथ मेडिकल आयात में 75 फीसदी का इजाफा हुआ है।

सीमा विवाद की वजह से भी चीन के सामान का भारत में जमकर विरोध होता है। कई जगहों पर चीनी वस्तुओं के बायकॉट तक के अभ‍ियान चलाए गए। लेकिन, आत्मनिर्भर बनने वाले भारत के लिए ये आंकड़े सही नहीं है। क्योंकि पिछले वित्त वर्ष के दौरान सिर्फ चीन से मेडिकल आयात 75 फीसदी बढ़ गया है और सरकार मेक इन इंडिया को बढ़ावा दे रही है।

किन चीजों के आयात में हुई बढ़ोत्तरी
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट की मानें तो, 2020-21 में चीन ने मेडिकल आयात के मामले में अमेरिका और जर्मनी को पीछे छोड़ दिया है और खुद पहले नंबर पर आ गया है। बता दें कि, चीन से मेडटेक और मेडिकल डिवाइसेज पर 75% आयात बढ़ा है, जिसमें ऑक्सीमीटर, डायग्नोस्टिक इंस्ट्रमेंट, डिजिटल थर्मामीटर और केमिकल रीएजेंट शामिल है। 

चीन से पहले भारत अमेरिका और जर्मनी से सबसे ज्यादा मेडिकल आयात करता था। लेकिन, ये आंकड़े काफी चौंकाने वाले इसलिए है क्योंकि दोनों देशों के बीच आपसी तनातनी और ऐसे व्यापारिक संबंध किसी को भी हैरान कर देंगे। आज तक की खबर के अनुसार, 2020-21 के दौरान 58 मेडिकल डिवाइसेज का आयात 25 फीसदी से 42 हजार फीसदी तक बढ़ा है

 

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