चीनी और रूसी विदेश मंत्रियों का संयुक्त बयान

चीनी और रूसी विदेश मंत्रियों का संयुक्त बयान

IANS News
Update: 2020-09-12 13:01 GMT
चीनी और रूसी विदेश मंत्रियों का संयुक्त बयान
हाईलाइट
  • चीनी और रूसी विदेश मंत्रियों का संयुक्त बयान

बीजिंग, 12 सितम्बर (आईएएनएस)। 11 सितंबर को चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से वार्ता की। दोनों नेताओं ने समान रुचि वाले अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सवालों पर गहन रूप से बातचीत की, साथ ही एक संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया। उन्होंने हालिया दुनिया के सामने आयी विभिन्न चुनौतियों पर चीन और रूस के समान रुख को स्पष्ट भी किया।

कोविड-19 महामारी के प्रकोप की पृष्ठभूमि में कुछेक देशों ने झूठी सूचनाओं का प्रसार किया, जिसमें विभिन्न देशों की जनता के स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा व स्थिरता को धमकी भी दी है। चीन और रूस ने सब लोगों को सहयोग कर झूठी सूचनाओं का विरोध करने की अपील की। दोनों ने विश्व महामारी रोकथाम में डब्ल्यूएचओ की समन्वय भूमिका का समर्थन करने को दोहराया।

इस साल द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 75वीं वर्षगांठ है। चीन और रूस इतिहास को तोड़कर नाजियों और सैन्यवाद को सुन्दर बनाकर विजेताओं को बदनाम करने की कुचेष्टा का विरोध करते हैं।

चीन रूस द्वारा सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों के शिखर सम्मेलन का आयोजन करने के आह्वान का समर्थन करता है। चीन और रूस संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांत और लक्ष्य, विश्व की शांति व स्थिरता की रक्षा करते हैं, अंतर्राष्ट्रीय न्यायता का समर्थन करते हुए सुधार और वैश्विक प्रशासन प्रणाली को परिपूर्ण बनाने का रुख अपनाते हैं। दोनों देश एकतरफावाद, संरक्षणवाद, प्रभुत्ववाद और बल की राजनीति का विरोध करते हैं, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के बिना एकतरफा प्रतिबंध लगाने का भी विरोध करते हैं।

हाल में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा वातावरण जटिल और गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने में अहम कर्तव्य निभाना चाहिए। चीन और रूस ने जोर दिया कि समानता और आपसी सम्मान की भावना के आधार पर बड़े देशों के बीच रचनात्मक साझेदारी संबंधों की स्थापना वैश्विक सामरिक समस्याओं का हल करने के लिए अति महत्वपूर्ण है।

चीन और रूस मानवाधिकार की रक्षा करने का सहयोग करेंगे, अंतर्राष्ट्रीय मानवतावाद कार्यक्रम को राजनीतिकरण बनाने का विरोध करते हैं और मानवाधिकार के बहाने दूसरे देशों की प्रभुसत्ता में हस्तक्षेप करने का विरोध करते हैं। चीन और रूस ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से किसी भी तरीके के आतंकवाद और उग्रवाद पर प्रहार करने की अपील की और आतंकवाद विरोधी समस्या पर दोहरा मापदंड अपनाने का विरोध किया।

चीन और रूस का मानना है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था विभिन्न देशों के आर्थिक व सामाजिक विकास और वैश्विक प्रशासन सिस्टम पर बड़ा असर डाल सकती है। उन्होंने विभिन्न देशों से व्यापक भागीदारी के आधार पर विभिन्न पक्षों के हितों का सम्मान करने वाली वैश्विक डेटा सुरक्षा नियम बनाने का आह्वान किया, ताकि संचार तकनीक के विकास और प्रयोग के लिए खुला, न्यायपूर्ण, उचित और भेदभाव रहित वातावरण की तैयारी करे और विश्व संचार उत्पादों और सेवा सप्लाई श्रृंखला का समर्थन करे।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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