मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति गिरफ्तार, भारत ने किया था एंट्री देने से इनकार

मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति गिरफ्तार, भारत ने किया था एंट्री देने से इनकार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-04 13:01 GMT
मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति गिरफ्तार, भारत ने किया था एंट्री देने से इनकार
हाईलाइट
  • 1 अगस्त 2019 को अदीब ने अवैध रूप से भारत में घुसने का प्रयास किया था
  • अदीब भारत में राजनीतिक शरण लेना चाहते थे
  • मालदीव पुलिस ने पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब अब्दुल गफूर को गिरफ्तार कर लिया

डिजिटल डेस्क, माले। मालदीव पुलिस ने पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब अब्दुल गफूर को गिरफ्तार कर लिया है। मालदीव पुलिस ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, "हम इस बात की पुष्टि करना चाहते हैं कि एच सामारा के अहमद अदीब अब्दुल गफूर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें माले पहुंचाया जा रहा है।"

मालदीव में मुकदमे का सामना कर रहे अदीब ने दो दिन पहले ‘वीर्गो-9’ टग बोट में सवार होकर भारत में राजनीतिक शरण लेने के लिए प्रवेश करने की कोशिश की थी। सरकारी सूत्रों ने कहा कि उन्हें प्रवेश से वंचित कर दिया गया क्योंकि उनके पास "वैध यात्रा दस्तावेज" नहीं थे। इसके बाद शनिवार को, उन्हें अपने देश में वापस भेज दिया गया और अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा के पास सुरक्षा कर्मियों की एक टीम ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

लंदन स्थित कानूनी समूह गुएर्निका 37, जो अदीब का प्रतिनिधित्व कर रहा है, ने कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र से संपर्क करेंगे। एक न्यूज एजेंसी ने गुएर्निका के टोबी कैडमैन के हवाले से कहा "जैसा कि पूर्व उपराष्ट्रपति अदीब को मालदीव के अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया है, हम संयुक्त राष्ट्र में याचिका दायर करेंगे। विशेष रूप से यूएन वर्किंग ग्रुप ऑन आर्बिटरी डिटेंशन।

लंदन में अदीब के वकीलों ने मालदीव में अदीब के जीवन को खतरा होने का हवाला देते हुए भारत को उन्हें राजनीतिक शरण देने का अनुरोध किया था। अदीब अब्दुल्ला यामीन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक प्रमुख गवाह है, जो पिछले साल सितंबर में इब्राहिम मोहम्मद सोलीह से राष्ट्रपति चुनाव हार गए थे। मालदीव के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले कहा था कि अदीब को इस सप्ताह की शुरुआत में जांचकर्ताओं के सामने पेश होना है।

अदीब मालदीव के सबसे अमीर और प्रभावशाली राजनेताओं में से हुआ करते थे। वह 22 जुलाई से 5 नवंबर, 2015 तक उपराष्ट्रपति के पद पर पदस्थ थे। 2016 में उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की हत्या की साजिश रचने के आरोप में 15 साल की सजा सुनाई गई थी। उन्हें भ्रष्टाचार और आतंकवाद का भी दोषी ठहराया गया और उनकी कुल सजा 33 साल की हो गई। इस साल, अदालत ने अनुचित राजनीतिक हस्तक्षेप का हवाला देते हुए उनकी सजा को खत्म करते हुए उसी आरोपों पर नए सिरे से सुनवाई का आदेश दिया था।

बता दें कि 1 अगस्त 2019 को अदीब ने अवैध रूप से ‘वीर्गो-9’ टग बोट में सवार होकर भारत में घुसने का प्रयास किया था, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने अदीब को हिरासत में ले लिया। अधिकारियों ने कहा था कि अदीब का अनाधिकृत रूप से भारत में प्रवेश करने की कोशिश करना अंतर्राष्ट्रीय चिंता का विषय है। इससे भारत और मालदीव के बीच संबंध प्रभावित होंगे। पूछताछ के बाद शनिवार को उन्हें वापस मालदीव भेज दिया गया। 

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