India-China LAC Dispute: अमेरिका बोला- ड्रैगन नहीं बदलेगा अपना रुख, भारत को अमेरिका की जरूरत होगी  

India-China LAC Dispute: अमेरिका बोला- ड्रैगन नहीं बदलेगा अपना रुख, भारत को अमेरिका की जरूरत होगी  

Bhaskar Hindi
Update: 2020-10-10 19:51 GMT
India-China LAC Dispute: अमेरिका बोला- ड्रैगन नहीं बदलेगा अपना रुख, भारत को अमेरिका की जरूरत होगी  
हाईलाइट
  • 60 हजार चीनी सैनिक तैनात
  • चीन की CCP को हावी होने दिया

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में भारत और चीन के बीच इस साल मई महीने से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर चल रहे तनाव को लेकर अमेरिका ने एक बार फिर हस्तक्षेप किया है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि भारत से लगती एलएसी पर ताकत के बल पर नियंत्रण करने की चीन की कोशिश उसकी विस्तारवादी आक्रामकता का हिस्सा है। अब यह स्वीकार करने का समय आ गया है कि बातचीत और समझौते से चीन अपना आक्रामक रुख नहीं बदलने वाला है। पोम्पियो ने "खराब बर्ताव" और क्वॉड समूह के देशों के सामने खतरे पैदा करने के लिए चीन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उसने भारत की उत्तरी सीमा पर 60,000 सैनिक तैनात किए हैं। भारत को हमारी जरूरत पड़ेगी। अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया पर आधारित ‘क्वॉड’ देशों के विदेश मंत्री मंगलवार को टोक्यो में मिले थे। कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद से व्यक्तिगत उपस्थिति वाली यह उनकी पहली वार्ता थी।

गौरतलब है कि दोनों पक्षों के बीच इस गतिरोध को सुलझाने के लिए उच्च स्तरीय राजनयिक और सैन्य वार्ताओं का दौर चल रहा है, लेकिन अब तक इस समस्या का समाधान नहीं निकला है। सोमवार (12 अक्तूबर) को एक और बातचीत का दौर निर्धारित है, लेकिन चीन तनाव बढ़ाने से पहले अपने पुरानी जगह पर वापस जाने से हिचक रहा है। अमेरिकी एनएसए रॉबर्ट ओ ब्रायन ने इस हफ्ते की शुरुआत में यूटा में चीन पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि सीसीपी (चीन की कम्युनिस्ट पार्टी) का भारत के साथ लगती सीमा पर विस्तारवादी आक्रमकता स्पष्ट है जहां पर चीन ताकत के बल पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रहा है।

60 हजार चीनी सैनिक तैनात
यह बैठक हिंद-प्रशांत क्षेत्र, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के आक्रामक सैन्य बर्ताव की पृष्ठभूमि में हुई। इस बैठक से लौटने के बाद माइक पोम्पियो ने कहा है कि चीन ने भारत से लगती उत्तरी सीमा पर 60 हजार सैनिक तैनात किए हैं। पोम्पियो ने सीमा पर तनाव को लेकर चीन के व्यवहार पर उसे फटकार लगाई और कहा कि बीजिंग क्वाड देशों के लिए खतरा बन गया है। उन्होंने कहा कि मैं भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के अपने समकक्षों के साथ था, चार बड़े लोकतंत्रों, चार शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं, चार राष्ट्रों के इस प्रारूप को क्वॉड कहते हैं। इन सभी चारों देशों को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से पेश खतरों से जुड़े वास्तविक जोखिम हैं।

चीन की CCP को हावी होने दिया
पोम्पियो ने मंगलवार को टोक्यो में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। पोम्पियो ने कहा कि वे जानते हैं कि उनके (क्वॉड देशों के) लोग इस बात को समझते हैं कि हम इसे लंबे समय से नजरअंदाज करते आए हैं। पश्चिम ने दशकों तक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को अपने ऊपर हावी होने दिया। पूर्ववर्ती प्रशासन ने घुटने टेक दिए और चीन को हमारी बैद्धिक संपदा को चुराने तथा उसके साथ जुड़ी लाखों नौकरियों को कब्जा करने का मौका दिया। वे अपने देश में भी ऐसा होता देख रहे हैं।

एकजुट होकर कर सकते हैं विरोध
एक अन्य साक्षात्कार में पोम्पियो ने कहा कि क्वॉड देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठकों में समझ और नीतियां विकसित होना शुरू हुई हैं, जिनके जरिए ये देश उनके समक्ष चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा पेश खतरों का एकजुट होकर विरोध कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में निश्चित ही उन्हें एक सहयोगी और साझेदार के रूप में अमेरिका की जरूरत है।

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