अमेरिका ने कहा- इमरान से हुई आतंकवाद पर बात, पाक का इनकार

अमेरिका ने कहा- इमरान से हुई आतंकवाद पर बात, पाक का इनकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-24 13:06 GMT
अमेरिका ने कहा- इमरान से हुई आतंकवाद पर बात, पाक का इनकार
हाईलाइट
  • अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो सितंबर महीनें में पाकिस्तान की यात्रा पर जा रहे हैं।
  • इस प्रस्तावित दौरे से पहले दोनों देशों के बीच एक फोन कॉल को लेकर तकरार हो गई है।
  • पाकिस्तान ने अमेरिका की ओर से जारी किए गए बयान को तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए उसमें संशोधन की मांग की है।

डिजिटल डेस्क, कराची। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो सितंबर महीनें में पाकिस्तान की यात्रा पर जा रहे हैं। पाकिस्तान के नए वजीर-ए-आजम इमरान खान के शपथ ग्रहण के बाद वह पहले विदेशी मेहमान होंगे जो उनसे मुलाकात करेंगे। इस प्रस्तावित दौरे से पहले दोनों देशों के बीच एक फोन कॉल को लेकर तकरार हो गई है। दरअसल, इमरान खान ने माइक पॉम्पियो से फोन पर बात की थी। इस फोन कॉल के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका की ओर से जारी किए गए बयान को तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए उसमें संशोधन की मांग की है। उधर अमेरिकी विदेश विभाग भी अपने बयान पर कायम है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से जो बयान जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि इस बातचीत में विदेश मंत्री ने इमरान खान को पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी। इसके अलावा उन्होंने इमरान खान को पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों पर कार्रवाई भी करने को कहा। हालांकि पाकिस्तान अमेरिका की तरफ से जारी किए गए इस बयान को गलत बता रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि इस बातचीत में आतंकवादियों पर कार्रवाई की कोई बात नहीं की गई है।

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. फैसल ने ट्वीट कर कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी तथ्यात्मक रूप से गलत बयान को अपवाद के तौर पर लिया है। इसमें आगे कहा गया कि दोनों के बीच बातचीत में कहीं भी आतंकियों का जिक्र नहीं आया। उन्होंने लिखा कि इसमें तुरंत सुधार किया जाना चाहिए। वहीं अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नॉर्ट ने कहा कि मैं केवल इतना कह सकती हूं कि हम अपने बयान पर कायम हैं।

 

 

बता दें कि चुनाव जीतने के तुरंत बाद इमरान खान ने कहा था कि वह अमेरिका से बेहतर संबंध चाहते हैं। पिछले दिनों ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय मददों में कटौती की थी। साथ ही मिलिटरी ट्रेनिंग प्रोग्राम को भी सस्पेंड कर दिया था। 

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