जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे बर्खास्त
जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे बर्खास्त
डिजिटल डेस्क,हरारे। जिम्बाब्वे की सत्ताधारी पार्टी ने राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। रविवार को हुई पार्टी की बैठक में रॉबर्ट मुगाबे को राष्ट्रपति पद से हटाने पर विचार किया गया था, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। काफी ड्रमा और सेना के दबाव के बीच मुगाबे इस्तीफा देने के लिए राजी हुए। बर्खास्त किए गए उप राष्ट्रपति एमर्सन नांनगाग्वा को बतौर राष्ट्रपति पदस्थ करने का फैसला किया है। बता दें कि मुगाबे ने अपनी 52 वर्षीय पत्नी ग्रेस के प्रतिद्वंद्वी रहे उपराष्ट्रपति एमरसन म्नांगागवा को बर्खास्त कर दिया था जिसके जवाब में सेना ने सत्ता को अपने नियंत्रण में ले लिया था और मुगाबे को नजरबंद कर दिया था। मुगाबे की पत्नी ग्रेस को पहले से ही पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
अधिकारिक बयान में कहा गया कि, "हां, वो इस्तीफा देने के लिए राजी हो गए हैं।" मुगाबे 93 साल के हैं, उनके पद से हटने की मांग को लेकर राजधानी हरारे में भारी भीड़ ने रविवार को शांतिपूर्ण रैली की थी। मुगाबे की इस सप्ताह सत्ता पर पकड़ तब खत्म हुई जब सेना ने प्रशासन पर अपना नियंत्रण कर लिया। ये उथल-पुथल उस विवाद को लेकर शुरू हुई कि दुनिया में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले 93 वर्षीय राष्ट्रपति का उत्तराधिकारी कौन होगा। अब मुगाबे के बाद उपराष्ट्रपति को उनकी गद्दी पर बैठाय
क्यों राष्ट्रपति के खिलाफ हुई जनता?
जिम्बाब्वे तेजी से बदल रहा है। कभी राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के समर्थक रहे आजादी के आंदोलन के उनके साथी भी शनिवार को उनके खिलाफ सड़कों पर उतर पड़े। मुगाबे की पार्टी के लोगों ने भी उनका साथ दिया। राजधानी हरारे में विरोध मार्च निकालने के बाद इन लोगों ने मुगाबे से सत्ता छोड़ने की मांग की। इन लोगों ने सेना के कदम को सही बताया।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संगठन के प्रमुख क्रिस मुत्सवांग्वा ने कहा, मुगाबे का समय पूरा हो चुका। सेना के जनरलों ने अच्छा काम किया। हम अपने देश का सम्मान पुन: स्थापित करना चाहते हैं।
जिम्बाब्वे की आजादी के नायक रॉबर्ट मुगाबे 1980 से ही सत्ता में हैं और उन्हे 37 साल हो चुके हैं। वो 93 साल की उम्र में भी सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं। मंगलवार को सेना ने मुगाबे के अधिकारों पर रोक लगाते हुए उन्हें घर में ही नजरबंद कर दिया। शुक्रवार को सेना प्रमुख कॉन्स्टेंटीनो चिवेंजा से वार्ता हुई लेकिन मुगाबे ने राष्ट्रपति पद छोड़ने से इनकार कर दिया।
देश की जनता अब किसी नए चेहरे को राष्ट्रपति के तौर पर देखना चाहती है। वो देश पर आर्थिक संकट और कई नीतियों से तंग आकर राष्ट्रपति के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। अब देश की जनता और उनकी पार्टी के लोगों ने उनसे पद छोड़ने की मांग की है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संगठन के प्रमुख क्रिस मुत्सवांग्वा ने कहा, मुगाबे का समय पूरा हो चुका है। सेना के जनरलों ने अच्छा काम किया। हम अपने देश का सम्मान पुन: स्थापित करना चाहते हैं।