फिश स्पा लेने से हो सकता है एचआईवी या हेपेटाइटिस
फिश स्पा लेने से हो सकता है एचआईवी या हेपेटाइटिस
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। फिश स्पा दुनिया भर में मशहूर है, लेकिन कई लोग इसके बुरे प्रभाव से अनजान हैं। कई देशों के डॉक्टर्स ने इसे न लेने की चेतावनी दी है। सरकार ने भी लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि फिश स्पा से एचआईवी या हेपेटाइटिस वायरस फैलने का खतरा बढ़ता है। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम खराब है या जो डाइबिटीज के मरीज हैं उनके लिए फिश स्पा लेना एक जोखिम भरा काम है।
फिश फुट स्पा
फिश स्पा में आपके पैरों पर कई सारी मछलियों को एक कंटेनर में छोड़ा जाता है, जो आपके पैरों से डेड स्किन को निकाल देती है और उन्हें मुलायम बनाती है।
ऐसे फैलता है इन्फेक्शन
फिश टैंक के पानी में माइक्रो ऑर्गेनिस्म होते हैं जिससे बैक्टीरिया के ट्रांसफर होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। अगर एक से अधिक ग्राहक उसी पानी का इस्तेमाल करें तो स्पा के पानी से बैक्टीरिया ट्रांसफर होने की आशंका रहती है। कोई व्यक्ति जो एचआईवी या हेपेटाइटिस (रक्त से उत्पन्न वायरस) से संक्रमित हो उसका रक्त अगर पानी में मिल जाए और यही पानी दूसरे ग्राहक के लिए उपयोग किया जाए तो इन्फेक्शन फैलता है।
इस तरह से नहीं फैलता इन्फेक्शन
फिश स्पा के द्वारा एचआईवी या हेपेटाइटिस होने का खतरा काफी कम होता है। इसका कारण है- मछलियों से कभी भी एचआईवी वायरस नहीं फैलता। कोई भी व्यक्ति अगर एचआईवी या हेपेटाइटिस से संक्रमित है और उसका घाव खुला है तभी वो पानी को दूषित करेगा। दूषित पानी एक स्वस्थ व्यक्ति को केवल तभी संक्रमित कर सकता है जब वह संक्रमित पानी में खुले घाव को उजागर करें।
इन देशो में प्रतिबंधित है फिश स्पा
फिश स्पा एशिया में काफी मशहूर है। हालांकि इसे कई देशों जैसे- टेक्सास, फ्लोरिडा, वाशिंगटन और न्यू हैम्पशायर जैसे कुछ अमेरिकी राज्यों में संक्रमण फैलने के डर से प्रतिबंधि लगा दिया है।
इन चीजों का रखें ध्यान
- दूसरों को किसी भी तरीके का जोखिम न हो इसीलिए ग्राहक के स्वास्थ को जांच लें।
- फिश स्पा लेने से पहले ग्राहकों के पैरों को अच्छी तरह से जांच लें।
- हर नए ग्राहक के लिए पानी बदलना बेहद जरूरी है।