बांग्लादेश : मौलवी शफी के परिजनों का दावा, उन्हें जमातियों ने मारा
बांग्लादेश : मौलवी शफी के परिजनों का दावा, उन्हें जमातियों ने मारा
- बांग्लादेश : मौलवी शफी के परिजनों का दावा
- उन्हें जमातियों ने मारा
ढाका, 15 नवंबर (आईएएनएस)। खुद को बांग्लादेश का सबसे बड़ा गैर-राजनीतिक इस्लामिक समूह बताने वाले हिफाजत-ए-इस्लाम में दरार पड़ गई है। इसका खुलासा खुद इसके संयुक्त महासचिव मेनुद्दीन रूही ने शनिवार को किया और कहा कि जमात-ए-इस्लामी के एजेंडे को लागू करने के लिए परिषद की एक अवैध बैठक की गई, इसमें छात्रों का विंग इस्लाम छात्र शिबिर भी शामिल थी।
इसी बीच संगठन के संस्थापक स्व. शाह अहमद शफी के बहनोई मोहम्मद मोईनुद्दीन ने दावा किया कि शफी को हाथजरी मदरसे में जमात शिबिर के व्यक्ति ने मारा था और हिफाजत के नेताओं से आग्रह किया कि शफी की मौत पर सुनवाई होने से पहले परिषद की कोई मीटिंग न रखें। बता दें कि शफी की सितंबर में 103 साल की आयु में मृत्यु हो गई थी।
चटगांव प्रेस क्लब में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने यह भी कहा कि शफी के बेटे अनस मदानी बैठक में शामिल नहीं हो सकते हैं क्योंकि उन्हें जमात की ओर से मौत की कई धमकियां मिल रही हैं। वहीं शफी की मौत से पहले जमात नेता और अन्य लोग हाथजरी मदरसे में नियमित रूप से बैठक कर रहे थे।
मोईनुद्दीन ने आरोप लगाया कि जमात के नेताओं ने मौखिक रूप से शफी को गाली दी और डराया और उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर किया। नतीजतन शफी बीमार पड़ गये और कोमा में चला गये।
उन्होंने यह भी कहा, उनकी मौत को सुनिश्चित करने के लिए शफी को ले जाने वाली एम्बुलेंस में पूरी तैयारियां की गईं थी। उनका ऑक्सीजन पाइप बार-बार निकाला गया। शफी को जमात-शिबिर ने योजनाबद्ध तरीके से मार दिया। हम उनके परिवार की ओर से सरकार से उनकी मौत की न्यायिक जांच की मांग करते हैं। हमें गहरा झटका लगा है कि अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।
नेताओं के अनुसार, 1971 में मानवता के खिलाफ अपराध करने के दोषी पाए गए डेलवर हुसैन सईदी के बेटे जमात नेता शमीम सईदी ने हाल ही में मदरसे में अपने अनुयायियों को शामिल किया था। एक अन्य जमात नेता मौलाना मामुनुल हक और उनके सहयोगी हाथजरी मदरसे में ज्यादा ही सक्रिय हो गए हैं।
एसडीजे-एसकेपी