गुड न्यूज: साइंटिस्ट ने बनाया बालों कों गिरने से बचाने वाला GEL

गुड न्यूज: साइंटिस्ट ने बनाया बालों कों गिरने से बचाने वाला GEL

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-17 05:09 GMT
गुड न्यूज: साइंटिस्ट ने बनाया बालों कों गिरने से बचाने वाला GEL

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बाल झड़ना एक आम समस्या है। बाल झड़ने की समस्या को लेकर लोग हमेशा डॉक्टर के पास जाते है, लेकिन कभी कभी डॉक्टर भी बाल झड़ने से रोक नहीं पाता है। इसी समस्या पर कई सालों से रिसर्च की जा रही है और आखिरकार IIT दिल्ली के वैज्ञानिकों ने बालों की ग्रोथ के लिए रेशम आधारित एक हाइइ्रोजेल विकसित किया है। इसका जंतुओं पर परीक्षण किए बिना ही गंजेपन का उपचार करने के लिए दवा बनाने में मदद मिल सकती है।

सेलुलर फिजिओलॉजी में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट से पता चलता है कि किस तरह से 3 डी तकनीक इस प्रक्रिया में मददगार हो सकती है। जीन, बीमारी, ट्रॉमा और सर्जरी जैसे विभिन्न कारणों से मनुष्य अस्थाई या स्थाई तौर पर गंजा हो सकता है। गंजेपन को रोकने के लिए कई तरह के तेल, क्रीम और दवाएं व्यवसायिक रूप से उपलब्ध हैं, लेकिन इसका सफल उपचार अभी तक एक सपना ही है।

 

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर सौरभ घोष ने कहा कि इस तरह की समस्या का बड़ा कारण ये है कि दवा परीक्षण के लिए कोई उपयुक्त मानव कोशिका आधारित कृत्रिम परिवेशीय मॉडल उपलब्ध नहीं है। गंजेपन को रोकने के लिए वर्तमान में उपलब्ध दवाओं का इस्तेमाल जंतुओं पर किया जाता है।

घोष ने कहा कि लेकिन, मानव और जंतुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता और शारीरिक संरचना में भिन्नताओं की वजह से इस तरह की दवाओं की सफलता काफी सीमित हो जाती है। उन्होंने कहा कि हमें मानव कोशिकाओं का इस्तेमाल कर बालों की सतह का कृत्रिम परिवेशीय मॉडल विकसित करने की अत्यंत आवश्यकता महसूस हुई। यदि यह सफल रहा तो इस तरह की दवाएं गंजेपन का सामना कर रहे लोगों की समस्या का समाधान कर देंगी।
 


अध्ययन करने वाली टीम में बेंगलूरू स्थित आईटीसी लाइफ साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी सेंटर के शोधार्थी भी शामिल थे, जिन्होंने रेशम के कीड़े से अलग किए गए रेशम प्रोटीन और जिलेटिन के मिश्रण से हाइड्रोजेल विकसित किया। स्थाई हाइड्रोजेल प्रणाली विकसित करने के लिए टाइरोसिनासे एंजाइम का इस्तेमाल किया गया।

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