ये गलतियां भूलकर भी न करें आर्थराइटिस के मरीज़

ये गलतियां भूलकर भी न करें आर्थराइटिस के मरीज़

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-20 08:52 GMT

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। ऑस्टियो आर्थराइटिस का कारण मोटापा है। शरीर की एक्स्ट्रा चर्बी हिप में जाकर जमा हो जाती है, जिससे हिप और घुटनों पर अतिरिक्त भार पड़ता है। बढ़ती उम्र, एक्सरसाइज न करना, खाना पीने का ध्यान न देना, रेगुलर रूटीन ख़राब होने से आर्थराइटिस होता है। खाना ठीक तरह से नहीं खाने से मेटाबोलिज्म घटने लगता है और बॉडी में सेल्स बनने कम हो जाते हैं। इससे शरीर के तमाम जॉइंट्स में साइनोवियल फ्ल्यूड कम हो जाता है। 


230 तरह के होते है आर्थराइटिस
 


आर्थराइटिस 230 प्रकार के होते हैं। किसी भी तरह का आर्थराइटिस खतरनाक होता है। शरीर में जोइंट्स में सूजन होना या चलने फिरने में और हिलने धुलने में परेशानी होना, ये सारे आर्थराइटिस के लक्षण है। परेशानी बढ़ने से पहले डॉक्टर्स को दिखाए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 2017 तक आर्थराइटिस की शिकार महिलाओं की तादाद दोगुनी हो गई है। 2019 तक तो आर्थराइटिस के मरीजों की संख्या डायबीटीज के पेशेंट्स से भी ज्यादा हो जाएगी।


युवाओं को भी हो रही है परेशानी


डॉक्टरों की माने तो 15 % युवा आर्थराइटिस से पीड़ित है। जोइंट्स में होने वाला ये दर्द काफी मुश्किलों में डाल देता है। इस कारण से सीढ़ियां चढ़ने-उतरने और चलने में परेशानी होती है।  

आर्थराइटिस से बचने के लिए क्या करें


नियमित एक्सरसाइज


पैदल चलने से अच्छी कोई और एक्सरसाइज नहीं है। इंसान चाहे किसी भी उम्र का हो पैदल चलना उसके लिए सबसे बेहतर एक्सरसाइज होती है। इससे शरीर की ताकत बढ़ती है और दिमाग़ भी तेज होता है। अगर आपको वेट ट्रेनिंग करना है तो आप वो भी कर सकते हैं, लेकिन इस बात का ख्याल रहे कि कोई भी ऐसी एक्सरसाइज न करें जिससे जॉइंट पेन और बढ़ जाए।  

ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं

ज्यादा से ज्यादा पानी पीना हमेशा फायदेमंद रहेगा। इसलिए जितना हो सके उतना पानी पीना चाहिए। सर्दियों के मौसम में कम प्यास लगती है और इस वजह से लोग पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं पीते। इस वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। 

संतुलित भोजन करें
 

                         




आर्थराइटिस के मरीज़ लोगों के लिए विटामिन के और विटामिन सी सबेस अहम होता है। इसलिए हमेशा संतुलित डाएट लें। ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन करने से बचें। हेल्दी और बैलेंस्ड डाएट लें, जो आपके मेटाबोलिज्म को मजबूत रखेगा। 

वजन पर नियंत्रण रखें
 



सर्दियों के मौसम में आमतौर पर लोग ओवर इटिंग कर लेते हैं। इससे वजन बढ़ने के चांसेज बढ़ जाते हैं। अगर इस बीच एक्सरसाइज नहीं की जाए तो जॉइंट्स में दर्द बढ़ जाएगा।

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