जानिए भारत के ऐतिहासिक और खूबसूरत राजसी जगहों के बारे में
जानिए भारत के ऐतिहासिक और खूबसूरत राजसी जगहों के बारे में
डिजिटल डेस्क। भारत एक ऐसा देश है जहां कई ऐतिहासिक जगह हैं। जो घूमने के हिसाब से बेहद ही अच्छी हैं, अगर आप भी कहीं घूमने का प्लान कर रहें हैं तो आज हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसी खास जगह के बारे में जहां का सफर आपके लिए यादगार बन जाएगा। बात करते हैं राजस्थान की जो हमेशा से ही अपनी राजशाही पहचान के लिए दुनिया भर में मशहूर है। बड़े- बड़े राजसी महल, शानदार ऊंचे किले, मन मोह लेने वाले खूबसूरत लेक (Lake) और रेगिस्तान यही है वो वजह जो राजस्थान की असली पहचान है। जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, पुष्कर और माउन्ट आबू जैसी जगहें अपनी अलग- अलग खासियतों के चलते राजस्थान को अन्य राज्यों से अलग बनाती है। उदयपुर और जोधपुर राजस्थान के दो ही ऐसे शहर हैं जो अपनी ऐतिहसिक धरोंहरों के लिए प्रसिद्ध हैं। आज हम आपको इन्हीं दो शहरों को जोड़ने वाली कुछ ऐसी जगहों से रुबरु कराने जा रहे हैं।
1- हल्दीघाटी
हल्दीघाटी हिन्दुस्तान के इतिहास में अपना एक खास महत्व रखता है। ये वही जगह है जहां पर 1576 में मेवाड़ के राजा राणा प्रताप सिंह और अंबर के राजा मान सिंह के बीच युद्ध हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक ने अपने स्वामी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के बाद यहीं पर अंतिम सांस ली थी।
2- दिलवाड़ा मंदिर
माउंट आबू से लगभग 2.5 किलोमीटर दूर दिलवाड़ा मंदिर के नाम से प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल है। सैकड़ों साल पहले इस पवित्र स्थल को एक दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में आम के पेड़ों के बीच बनाया गया था। इसके मुख्य परिसर में पांच मंदिर हैं, इनमें से विमल वसाही और लूना वसाही मंदिर प्रमुख हैं। यह मंदिर श्वेत संगमरमर के गुंबद का भीतरी भाग, दीवारें, छतें और स्तंभ अपनी महीन नक़्क़ाशी और अभूतपूर्व रचनाकारी के लिए प्रसिद्ध हैं। दिलवाड़ा जैन मंदिर का निर्माण 11वीं और 13वीं शताब्दी के बीच हुआ था।
3- रणकपुर जैन मंदिर
रणकपुर मंदिर राजस्थान के पाली जिले में उदयपुर से करीब 90 किमी की दूरी पर स्थित है। ये मंदिर अपनी अद्भुद बनावट के लिए भी बेहद प्रसिद्ध है। इस प्रमुख तीर्थ स्थल को जैन व्यवसायी सेठ धरना साह ने राणा कुंभा की मदद से बनवाया था, जिन्होंने 15वीं शताब्दी के दौरान मेवाड़ पर राज किया था। ये मंदिर लगभग 1500 पिलर्स पर खड़ा है। रणकपुर के मुख्य परिसर में चौमुखा, पार्श्वनाथ, अम्बा माता, सूर्य और चौमुखा जैसे मंदिर भी हैं।
4- बुलेट बाबा मंदिर
जोधपुर-पाली हाईवे पर स्थित "बुलेट बाबा के मंदिर" में बुलेट बाइक की पूजी जाती है। इस मंदिर में कोई भगवान नहीं, बल्कि 350 सीसी रॉयल एन फ़ील्ड ही भगवान है। ये मंदिर ओम बन्ना को समर्पित है, जिनकी 90 के दशक में एक सड़क हादसे के दौरान मृत्यु हो गई थी। ऐसा कहा जाता है कि एक रोज हिरासत में रखी उनकी बाइक रात के समय थाने से गायब हो गई और दूसरे दिन वो ठीक उसी जगह पर मिली जहां पर ओम बन्ना की मृत्यु हुई थी।
5- कुम्भलगढ़ किला
भारत की महान दीवार के रूप में प्रसिद्ध कुम्भलगढ़ चित्तौड़गढ़ के बाद राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा किला है। इस किले का निर्माण सन 1443-1458 ईसवी में मेवाड़ के राजा राणा कुंभा ने किया था। इस किले में कुल 10 गेट हैं। किले के भीतर दो अन्य स्मारक बादल महल व कुंभ महल भी हैं जहां पर महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था।