सर्दियों में आते है सबसे ज्यादा हार्ट अटैक, जानिए क्या है कारण 

सर्दियों में आते है सबसे ज्यादा हार्ट अटैक, जानिए क्या है कारण 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-09 08:54 GMT
सर्दियों में आते है सबसे ज्यादा हार्ट अटैक, जानिए क्या है कारण 

डिजिटल डेस्क । हार्ट अटैक एक आम बीमारी हो गई है। हार्ट अटैक किसी को भी, कभी भी पड़ सकता है। व्यक्ति को कभी भी हार्ट अटैक आ सकता है। चाहे उसे पहले कभी दिल से ताल्लुक रखने वाली शिकायत हो या ना हो। दिल को लेकर वैसे तो सभी सतर्क रहते हैं, लेकिन 40 के बाद लोग ज्यादा ख्याल रखने लगते हैं। आज हम आपको हार्ट अटैक से जुड़ी कई खास बातें बताने जा रहे हैं। जिन्हें सुनकर आपको हैरानी हो सकती है। एक रिसर्च में हार्ट अटैक के वक्त, दिन और मौसम को लेकर कई खुलासे किए गए हैं। जैसे- 

 

  • सप्ताह का वो दिन जब हार्ट अटैक सबसे ज्यादा होते हैं वो सोमवार है। उसके बाद शनिवार।
  • ज्यादातर हार्ट अटैक सुबह के समय आते हैं। 4 बजे से 10 बजे के भीतर।
  • सर्दियों के मौसम को हार्ट अटैक का सीजन कहा जाता है।
  • पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए दिल का दौरा ज्यादा घातक है। महिलाओं में पहली बार दिल का दौरा पड़ने के बाद एक साल के भीतर मौत होने की आशंका पुरुषों की तुलना में अधिक होती है।


क्यों सोमवार को आते है हार्ट अटैक?

सोमवार को सप्ताह का सबसे खराब दिन माना जाता है। इसलिए क्योंकि छुट्टी के बाद वापस काम पर जाना किसी के लिए भी मुश्किल होता है, लेकिन इस दिन को नापसंद करने की एक और वजह भी हमारा दिल ही है। स्वीडिश रजिस्ट्री स्टडी के अनुसार सोमवार को हार्ट अटैक होने की सबसे ज्यादा संभावना होती है। शोधकर्ताओं ने ये डाटा करीब करीब डेढ़ लाख लोगों के रिकॉर्ड से लिया जिन्हें हार्ट अटैक आया था।

अमेरिकन हार्ट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, कुछ समय ऐसे होते हैं जब लोग तनाव में ज्यादा होता है और वो समय अवधि दिल के दौरे की दर से जुड़ी होती है। बाकी दिनों की तुलना में मयोकर्डियल इंफार्क्शन यानी हार्ट अटैक, सर्दियों की छुट्टियों और सोमवार को सबसे ज्यादा पाए गए जबकि सबसे कम गर्मियों में वीकेंड्स पर पाए गए। हम में से ज्यादातर लोग इस बात से सहमत होंगे कि गर्मियों में और वीकेंड्स पर हम सबसे ज्यादा रिलैक्स रहते हैं. इसलिए खतरा कम होता है। वहीं नेशनल हार्ट फाउंडेशन ऑस्ट्रेलिया की एक स्टडी में भी यही पाया गया। ये रिसर्च 45 हजार हार्ट पेशेंट्स पर की गई थी। जिसमें पाया गया कि बाकी दिनों की तुलना में सोमवार को हार्ट अटैक आने वालों की संख्या 27% ज्यादा थी। ऐसा इसलिए क्योंकि दो दिन के वीकएंड पर तनावरहित रहने के बाद सोमवार को ही लोग काम का सबसे ज्यादा दबाव महसूस करते हैं।


 

सर्दियों में क्यों रहता है खतरा?

वैसे तो हार्ट अटैक किसी भी मौसम में हो सकता है, लेकिन सर्दियों में होने की संभावन सबसे ज्यादा होती है। कई कारण हो सकते हैं जो सर्दियों में इस संभावना को और प्रबल करते हैं। जैसे बैरोमेट्रिक दबाव, नमी, हवा, और ठंड। ये ठंडा मौसम हमारे शरीर पर नकारात्मक असर डालता है जिससे नर्वस सिस्टम की गतिविधियां बढ़ जाती हैं, हमारी रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, रक्त गाढ़ा हो जाता है और भी कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। जिसके चलते हार्ट अटैक होने की संभावना ज्यादा होती है। रिसर्च में भी यही पाया गया कि सबसे ज्यादा हार्ट अटैक दिसंबर में हुए जबकि सबसे कम जुलाई में हुए थे।

 

 

कैसे होता है हार्ट अटैक?

दिल का दौरा तब होता है जब एक कोरोनरी धमनी (दिल को रक्त पहुंचाने वाली रक्त वाहिका ) जो दिल की बीमारी की वजह से पहले ही सिकुड़ चुकी होती है, पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती है, आमतौर पर ब्लड क्लॉट की वजह से। यह हमारे दिल को ऑक्सीजनयुक्त रक्त से वंचित कर देती है, जिससे मसेल सेल यानी मांसपेशी कोशिकाएं खत्म हो जाती हैं जिससे हमारा दिल शरीर के सभी हिस्सों में पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता।


सुबह हुए हार्ट अटैक सबसे ज्यादा खतरनाक

हार्ट अटैक सबसे ज्यादा सुबह के वक्त ही होते हैं, लेकिन रिसर्च ये भी कहती है कि सुबह होने वाले अटैक सबसे ज्यादा खतरनाक भी होते हैं। स्पेन के नेशनल सेंटर फॉर कार्डियोवैस्कुलर रिसर्च के शोधकर्ताओं ने 800 मरीजों के डेटा का परीक्षण करने पर ये पाया कि जो दिल के दौरे सुबह के वक्त पड़ते हैं उनमें मृत मसेल सेल औरों से 20% ज्यादा पाए गए थे। दिन के दूसरे समय की तुलना में सुबह के वक्त दिल के दौरे के लिए हम ज्यादा संवेदनशील होते हैं क्योंकि इस वक्त हमारे दिल को बाकी समय से ज्यादा काम करना होता है। हमारी कोरोनरी धमनियां ज्यादा संकुचित होती हैं और रक्त के थक्कों को खत्म करने की शक्ति इस वक्त खत्म हो चुकी होती है।


 

कैसे बचें

  • दिल की बीमारी न हो इसके लिए एक स्वस्थ दिनचर्या जरूरी है।
  • खाना दिल के मुकाबिक ही खाएं जो दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छा हो।
  • तनाव मुक्त रहें, और व्यायाम करें।
  • कोशिश करें कि बीपी, डायबिटीज, कॉलेस्ट्रोल न हो।
  • अगर पहले से दिल की परेशानी है तो ठंड के मौसम में अपना खास ख्याल रखें, खुद को गर्म रखें। 

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