मदर्स डे : ईश्वर हर जगह नहीं हो सकता, इसलिए मां की रचना की

मदर्स डे : ईश्वर हर जगह नहीं हो सकता, इसलिए मां की रचना की

IANS News
Update: 2020-05-10 19:30 GMT
मदर्स डे : ईश्वर हर जगह नहीं हो सकता, इसलिए मां की रचना की

बीजिंग, 11 मई (आईएएनएस)। मां, दुनिया के हर इंसान के लिए सबसे खास, सबसे प्यारा रिश्ता है। मां का प्यार वह ईंधन है, जो एक सामान्य इंसान को असंभव काम करने में सक्षम बनाता है। मां के लिए इस प्यार को दिवस के रूप में भी मनाया जाने लगा है। मई महीने में दूसरे हफ्ते के रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है।

हालांकि, मां के लिए कोई एक दिन नहीं होता है, लेकिन वो अलग बात है कि एक खास दिन को मां के नाम निश्चित कर दिया गया है। इस साल यह खास दिन 10 मई को मनाया जा रहा है। यह दिवस लोगों को अपनी मां के प्रति भावनाओं को जाहिर करने का मौका देता है। ज्यादातर देशों में मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। लेकिन कई देशों में इस खास दिन को अलग-अलग तारीखों पर भी मनाया जाता है।

मदर्स डे को लेकर कई मान्यताएं हैं। कुछ का मानना है कि मदर्स डे के इस खास दिन की शुरुआत अमेरिका से हुई थी। वर्जिनिया में एना जार्विस नाम की महिला ने मदर्स डे की शुरुआत की। कहा जाता है कि एना अपनी मां से बहुत प्यार करती थी और उनसे बहुत प्रेरित थी। उन्होंने न कभी शादी की और न कोई बच्चा था। मां के निधन के बाद प्यार जताने के लिए उन्होंने इस दिन की शुरुआत की। फिर धीरे-धीरे कई देशों में मदर्स डे मनाया जाने लगा। ईसाई समुदाय के लोग इस दिन को वर्जिन मेरी का दिन मानते हैं। यूरोप और ब्रिटेन में मदरिंग संडे भी मनाया जाता है।

इससे जुड़ी एक और कहानी है जिसके अनुसार, मदर्स डे की शुरुआत ग्रीस से हुई थी। ग्रीस के लोग अपनी मां का बहुत सम्मान करते हैं। इसलिए वो इस दिन उनकी पूजा करते थे। मान्यताओं के अनुसार, स्यबेसे ग्रीक देवताओं की माता थीं और मदर्स डे पर लोग उनकी पूजा करते थे। मां का सभी के जीवन में योगदान अतुलनीय है। फिर चाहे ऑफिस और घर दोनों जगह में संतुलन क्यों ना बनाना पड़ा हो, मां ने कभी भी अपनी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ा है। उसकी जगह कोई और नहीं ले सकता है। भगवान हर जगह नहीं हो सकता है, और इसलिए उसने मां को बनाया।

9 मई 1914 को अमेरिकी राष्ट्रपति व्रुडो विल्सन ने एक कानून पारित किया था। इस कानून में लिखा था कि मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाएगा। इसी के बाद से चीन, भारत समेत कई देशों में ये खास दिन मई के दूसरे रविवार को मनाया जाने लगा।

वैसे तो मां को प्यार करने और तोहफे देने के लिए किसी खास दिन की जरुरत नहीं, लेकिन फिर भी मदर्स डे के दिन मां को और सम्मान दिया जाता है। उन्हें तोहफे, मीठा और ढेर सारा प्यार किया जाता है। तो इस मदर्स डे के खास मौके पर अपनी मां के साथ समय बिताएं, वो सब करें जो व्यस्त होने के कारण आप नहीं कर पाते और मां को खास तोहफा देकर जरूर खुश करें।

(लेखक : , चाइना मीडिया ग्रुप में पत्रकार हैं)

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