Smoking ने बढ़ाई भारत में इन्फर्टिलिटी की दर

Smoking ने बढ़ाई भारत में इन्फर्टिलिटी की दर

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-12 07:16 GMT
Smoking ने बढ़ाई भारत में इन्फर्टिलिटी की दर

टीम डिजिटल,नई दिल्ली. भारत में इन्फर्टिलिटी यानी बांझपन की दर पिछले कुछ वर्षों में निरंतर बढ़ी है. वर्ल्ड बैंक के 2013 के एक अनुमान के मुताबिक, साल 2000 से भारत में प्रजनन क्षमता में 17% की गिरावट देखी गई है.जीवनशैली संबंधी मुद्दों जैसे तनाव, मोटापे में वृद्धि, मधुमेह की बढ़ती समस्याएं, अनहेल्थी लाइफस्टाइल, भरपूर नींद न लेना, शराब पीना, स्मोकिंग और प्रदूषण के कारण भी पुरुष और महिला दोनों में इन्फर्टिलिटी की समस्या बढ़ रही है.

सिगरेट का धुआं शरीर के लिए अलग-अलग 7000 रसायनों के संपर्क में आने से भी अधिक खतरनाक है. यह शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है. धूम्रपान करने से महिलाओं को गर्भधारण करने में कठिनाई आ सकती है. इससे जन्म से पहले और बाद में भी बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसी महिलाएं जो गर्भवती होना चाहती हैं लेकिन धूम्रपान करती हैं 

उन्हें इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है: 

1- ओव्यूलेशन की समस्याए
2- गर्भपात का बढ़ता जोखिम
3- अंडे को आनुवंशिक क्षति
4- समयपूर्व मेनोपॉज हो सकता है

कैंसर का जोखिम
अंडाशय, जो हर महीने अंडे जारी करता है वह सीधे तौर पर धूम्रपान से प्रभावित होता है जिससे हार्मोनल डिस्बैलेंस की समस्या होती है.साथ ही धूम्रपान करने से गर्भनाल में अंडाशय के समुचित कार्य के साथ हस्तक्षेप होता है जिससे महिला की प्रजनन प्रक्रिया में कई समस्याएं होती हैं.

1- अनियमित मासिक धर्म चक्र
2- समय से पहले प्रसव
3- मृत शिशु (जन्म से पहले बच्चे की मौत)
4- शिशु का वजन कम होना 
5- अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (SID: sudden infant death syndome)
6- गर्भावस्था में भ्रूण गर्भ के बाहर या मुख द्वार पर होना

धूम्रपान का सिर्फ महिलाओं पर नहीं बल्कि पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है. इससे पुरुषों के वीर्य पर असर पड़ता है और वीर्य कमजोर होने के साथ ही स्पर्म काउंट भी कम होने लगता है. कमजोर शुक्राणु प्राकृतिक अवधारणा के फलस्वरूप अंडे तक पहुंचने में असमर्थ होते हैं और गर्भधारण में समस्या होती है. 

नियमित रूप से धूम्रपान से एक व्यक्ति की कामेच्छा भी कम हो जाती है.जब सेक्स की इच्छा पहले जैसी न रहे तो पुरुषों को लगता है कि यह उम्र का असर है. लेकिन हकीकत में यह उनके धूम्रपान की आदत है जो इसके लिए जिम्मेदार है. एक पुरुष के धूम्रपान करने से उसकी पत्नी के गर्भपात का जोखिम भी बढ़ता है.

IVF विशेषज्ञ डॉ. डेविड रॉबर्ट्सन, ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर बॉर्न हॉल फर्टिलिटी सेंटर का कहना है कि जो कपल्स गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें धूम्रपान करना बंद कर देना चाहिए. जितनी जल्दी वे धूम्रपान छोड़ेंगे, उतनी जल्दी गर्भधारण करने में सक्षम होंगे. धूम्रपान छोड़ने के साथ ही प्रजनन क्षमता में सुधार होता जायेगा.

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