सावधान! ज्यादा उम्र में मां बनने वाली महिलाओं की बेटियां हो सकती हैं बांझपन का शिकार

सावधान! ज्यादा उम्र में मां बनने वाली महिलाओं की बेटियां हो सकती हैं बांझपन का शिकार

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-19 04:13 GMT

डिजिटल डेस्क। भारत में ज्यादातर लड़कियों की शादी 30 साल की उम्र से पहले कर दी जाती है। इसका कारण ज्यादा उम्र में अच्छे रिश्तों का ना मिलना है या ज्यादा उम्र में मां बनने में दिक्कत आना हैं, लेकिन बदलते वक्त के साथ-साथ अब लोगों की सोच में बदलाव आया है और लड़कियों को अपना करियर बनाने का पूरा समय दिया जाता है। मां-बाप अब बेटियों की शादी के लिए उन्हें काफी वक्त देने लगे हैं। अपना जीवन साथी चुनने के लिए आजादी दे दी गई है, लेकिन इन सब में शादी अक्सर 30 साल की उम्र के बाद ही हो पाती है। ऐसे में मां बनने के लिए भी महिलाएं शादी के बाद वक्त चाहती हैं। इन सबके बीच उम्र काफी बढ़ जाती है और जब मां बनने के लिए महिलाएं खुद को तैयार कर पाती हैं तब तक उनमें कई सारे बदलाव आ चुके होते हैं, जो मां बनने में परेशानी का सबब बनते हैं। कई बार अगर पहला बच्चा हो भी जाए तो दूसरे की चाहत पूरी होने में दिक्कत आती है। वहीं एक अन्य रिसर्च में ये भी सामने आया है कि ज्यादा उम्र में मां बनने वाली महिलाओं की बेटियों को भी गर्भधारण करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

                            

शोध के मुताबिक ज्यादा उम्र में बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं के जीन्स उनकी बेटियों में भी आ जाते हैं जिसके कारण आगे चलकर उनमें बांझपन का खतरा बढ़ जाता है। इस अध्ययन में कहा गया है कि उम्र बढ़ने से साथ-साथ महिलाओं के जीन्स में बच्चा पैदा करने की क्षमता कम होती है। यही कमजोर जीन्स उन महिलाओं की बेटियों में भी ट्रांसफर हो जाते हैं जो ज्यादा उम्र में बच्ची को जन्म देती हैं।

                            

हालांकि इस अध्ययन में कहा गया है कि लड़की के पिता की उम्र का उसके प्रजननीय जीन्स पर असर नहीं डालती है, लेकिन मां की उम्र का असर जरूर पड़ता है। एटलान्टा के एक वैज्ञानिक पीटर नैगी ने कहा, "एक महिला की प्रजनन संबंधी उम्र सिर्फ उसके लिए ही नहीं बल्कि उसकी संतान के लिए महत्व रखती है। अगर महिला ज्यादा आयु के बाद बच्ची को जन्म देती है, तो बच्ची में आगे चलकर बांझपन का खतरा बढ़ जाता है।" उन्होंने कहा कि हम भले ही लगभग 40 साल की उम्र की महिलाओं को संतान का सुख प्राप्त करने में मदद कर रहे हैं, लेकिन इसी के साथ ऐसे बच्चों में बांझपन की समस्या पैदा होने का बड़ा खतरा रहता है। शोध के मुताबिक जिन महिलाओं के मां-बाप 25-28 की उम्र के थे वो महिलाएं प्रेगनेंट हुईं, लेकिन जिनके मां-बाप 28 साल से ज्यादा की उम्र के थे वो महिलाएं मां नहीं बन सकीं।
 

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