इन टिप्स को अपनाकर बच्चे को जिद्दी बनने से बचाएं

इन टिप्स को अपनाकर बच्चे को जिद्दी बनने से बचाएं

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-24 04:33 GMT
इन टिप्स को अपनाकर बच्चे को जिद्दी बनने से बचाएं

डिजिटल डेस्क। अक्सर देखा गया कि ज्यादा लाड़-प्यार में बच्चे जिद्दी स्वभाव के हो जाते हैं। अगर बच्चा इकलौता हो तो वो मां-बाप की एक्स्ट्रा केयर से और भी ज्यादा जिद्दी होने लगते हैं। कुछ बच्चे गुमसुम, शर्मीले या फिर हाइपर एक्टिव होते हैं। ऐसे में बच्चों को केयरिंग और शेयरिंग सिखाना बेहद जरूरी होता है। ऐसे बच्चों की परवरिस कैसे की जाए, इस बारे में जानिए क्या है एक्सपर्ट की राय।

पैरंट्स बने अच्छे श्रोता
चाइल्ड एक्सपर्ट और साइकोलॉजिस्ट का कहना है कि हर बच्चे को मां-बाप का समय चाहिए होता है। उनके मन में कई सारी बातें होती हैं, जो वो बयां नहीं कर पाते हैं। आज-कल पैरंट्स के पास बच्चों की पूरी बात सुनने का समय भी नहीं होता। ऐसे में बच्चों को भावनात्मक रुप से संतुष्ट करने के लिए अभिभावकों को अच्छा श्रोता होना बहुत जरूरी है। आप अपने बच्चे को दिन में एक बार ये जरूर फील करवाएं कि वे आपके लिए बहुत स्पेशल हैं।

बच्चों को पूरा समय दें
आजकल ज्यादातर वर्किंग कपल्स होते हैं, अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं तो कोशिश करें कि अपने बच्चे को पूरा समय दें, क्योंकि बच्चों को खिलौनों और मोबाइल से ज्यादा आपकी जरूरत होती है। उनके साथ समय बिताने के लिए उनकी किताबों या कपड़ों की अलमारी साफ करें। किचन में कुछ नई चीजें सिखाएं। सोते समय अच्छी कहानियां सुनाएं। उन्हें बाहर खेलने भेजें, ताकि उनका सोशल दायरा बढ़ सके।


पैरंट्स बच्चे का दोस्त की तरह साथ दें
इस बारे में एक आम महिला का कहना कि, एकलौते बच्चे के साथ दोस्त की तरह रहें। उनका कहना है कि मेरा बेटा तीन साल का है और एक प्रीमेच्योर स्पेशल चाइल्ड है। इसी कारण हमने तय किया कि हमें बस एक ही संतान चाहिए। जब इसका जन्म हुआ तो डॉक्टर ने कहा कि ये कभी बोल नहीं पाएगा, न बैठ पाएगा और न ही चल सकेगा, लेकिन एक पॉजिटिव सोच के साथ मैं उसकी अच्छी दोस्त बनी और आज वह बोल भी सकता है और चल भी सकता है। इकलौते बच्चों में आत्मविश्वास की कमी होती है, ऐसे में उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।


बच्चों को शेयरिंग-केयरिंग का मंत्र सिखाएं
जब बच्चा अकेला होता है तो घर के सभी लोग उसके आगे पीछे घूमते हैं, लेकिन बच्चे के साथ खेलने के साथ-साथ, उसे लाड़-प्यार करने के साथ ही उसे शेयरिंग और केयरिंग भी सिखानी जरूरी होती है। घर में सभी का आदर-सम्मान, सेवा-भाव और अपनी चीजें दूसरों के साथ शेयर करना सिखाएंगे तो वह जिद्दी नहीं बनेगा।  

बच्चे में संवेदनाएं जगाएं
माता-पिता को बच्चे से संवाद करना चाहिए। उससे हेल्दी डिस्कशन करके संवेदनशील इंसान बनाया जा सकता है। उनकी कोमल मन की भावनाओं को पहचानें और उसके मुताबिक प्रतिक्रिया दें, ताकि वह चिड़चिड़ेपन, उत्साह, घबराहट और डर जैसी भावनाओं को भी समझ सकें। बच्चे के मन में कोई बात दबी न रहने दें। उसे बोलने का मौका दें और सुनते समय अपनी दिलचस्पी जाहिर करें। 

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