भारतीय नागरिक विदेशों में बसने से नहीं हिचकिचाते : रिपोर्ट

भारतीय नागरिक विदेशों में बसने से नहीं हिचकिचाते : रिपोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-30 04:07 GMT
भारतीय नागरिक विदेशों में बसने से नहीं हिचकिचाते : रिपोर्ट

टीम डिजिटल,नई दिल्ली. भारत विश्व में विदेशी नागरिकता अपनाने की लिस्ट में सबसे ऊपर है। इससे यह बात साफ़ हो जाती है कि भारतीय नागरिक विदेशी नागरिकता लेने से नहीं हिचकिचाते। 2015 में 1.30 लाख भारतीय मूल के नागरिकों ने OECD(आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन) के सदस्य देशों की नागरिकता हासिल की। इनमें से अधिकांश वर्क वीजा पर विदेश गए थे। इसके बाद मेक्सिको (1.12 लाख), फिलीपींस (94,000) और चीन के (78,000) नागरिकों ने सबसे अधिक विदेशी नागरिकता अपनाई है।

पेरिस में गुरुवार को OECD की तरफ से जारी इंटरनेशनल माइग्रेशन आउटलुक 2017 की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2015 में 20 लाख नागरिकों ने OECD देशों की नागरिकता हासिल की। OECD यूरोपीय देशों, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यू जीलैंड और जापान सहित 35 देशों का वैश्विक थिंक टैंक है। इससे पहले इसने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि विश्व में भारतीय प्रवासियों की संख्या सबसे अधिक है। 156 लाख भारतीय विदेशों में निवास करते हैं।

OECD देशों में नए प्रवासियों की संख्या 2015 में 70.39 लाख रही है. अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी इन देशों में जहां भारतीय सबसे अधिक बसना पसंद करते हैं। वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स में सबसे अधिक संख्या चीनी और भारतीय नागरिकों की रहती है। OECD देशों में 50 प्रतिशत से अधिक अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स एशियाई देशों से हैं।

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