बिहार में मिशन 2.51 करोड़ पौधरोपण तहत हर पंचायत में लगेंगे 1400 पौधे

बिहार में मिशन 2.51 करोड़ पौधरोपण तहत हर पंचायत में लगेंगे 1400 पौधे

IANS News
Update: 2020-06-12 15:01 GMT
बिहार में मिशन 2.51 करोड़ पौधरोपण तहत हर पंचायत में लगेंगे 1400 पौधे

पटना, 12 जून (आईएएनएस)। बिहार में पृथ्वी दिवस के मौके पर नौ अगस्त को सरकार द्वारा 2़ 50 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। इस अभियान का नाम मिशन 2़ 51 करोड़ पौधरोपण रखा गया है। इस अभियान में सबसे बड़ी चुनौती पौधे की आपूर्ति करने को लेकर है। मनरेगा के जरिए प्रत्येक वार्ड में 100 से 125 पौधे एवं प्रत्येक पंचायत में 13-14 सौ पौधे लगाए जाएंगे।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस अभियान के विषय में बताया, मिशन 2़ 51 करोड़ पौधारोपण के तहत लगाए जाने वाले 2.51 करोड़ पौधों में से लगभग 78 लाख पौधे आम, अमरूद, जामुन, कटहल, आंवला, बेल आदि फलदार वृक्षों के एवं शेष पौधे सागवान, महोगनी, शीशम, पीपल, बरगद आदि के होंगे।

अभियान की सफलता की सबसे बड़ी चुनौती गुणवत्तापूर्ण पौधों की आपूर्ति है। पौधों की उत्तरजीविता सुनिश्चित करने हेतु न्यूनतम तीन फुट लम्बाई के पौधे लगाने का निर्णय लिया गया है। वन विभाग की पौधशालाओं से 2.82 लाख, कृषि महाविद्यालय, सबौर से 8़ 50 लाख, उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग से 25 लाख एवं वन क्षेत्र अस्थायी पौधशाला से 126 लाख पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे।

मोदी ने कहा कि आवश्यकतानुसार फलदार पौधे निजी नर्सरी से भी खरीदें जाएंगे। उन्होंने कहा, मिशन 2़ 51 करोड़ पौधरोपण के तहत 1़13 करोड़ पौधे मनरेगा एवं 66 लाख पौधे जीविका समूहों के माध्यम से लगाए जाएंगे। मनरेगा के तहत प्रत्येक वार्ड में 100 से 125 पौधे एवं प्रत्येक पंचायत में 13-14 सौ पौधे लगाए जाएंगे। जीविका समूहों द्वारा पौधारोपण का कार्य ग्राम संगठनों के माध्यम से सम्पन्न होगा तथा प्रत्येक जीविका दीदी अपने घर में फलदार वृक्ष का एक पौधा लगाएंगी।

सड़कों एवं जल जीवन हरियाली अभियान के तहत उड़ाही कराए गए जल संरचनाओं के किनारे भी पौधे लगाए जाएंगे। इस अभियान में केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों, स्वयंसेवी संगठनों एवं विभिन्न धार्मिक संगठनों के अतिरिक्त सीआरपीएफ एवं एसएसबी सहित अर्धसैनिक बलों की भी भागीदारी होगी।

उन्होंने बताया कि आमजन 10 रुपये प्रति पौधा की दर से क्रय कर व्यक्तिगत रूप से पौधारोपण कर सकते हैं। मिशन 2़ 51 करोड़ पौधारोपण की सफलता हेतु माइक्रो प्लान तैयार किया जा रहा है। पौधारोपण हेतु जमीन चिन्हित की जा रही है। सरकारी व्यवस्था के तहत पौधे नर्सरी से पंचायतों तक पहुंचाए जाएंगे तथा पौधारोपण हेतु एक माह पूर्व गड्ढे खोदे जाएंगे।

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