सूरत रेप केस: पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार

सूरत रेप केस: पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-20 14:07 GMT
सूरत रेप केस: पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, नई सूरत। गुजरात के सूरत में 11 साल की बच्ची के साथ हुए रेप और मर्डर के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों आरोपी राजस्थान के हैं और गुजरात के सूरत में टाइल्स लगाने का काम कर रहे थे। वहीं पुलिस इस मामले में चौथे आरोपी की तलाश कर रही है। पुलिस को आशंका है कि ये आरोपी बच्ची का रिश्तेदार हो सकता है।

गाड़ी के आधार पर पकड़ाए आरोपी
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के ACP राजदीप सिंह झाला ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के बाद बच्ची को जिस गाड़ी में लाकर सूरत के क्रिकेट ग्राउंड की झाड़ियों में फेंका गया था, उस गाड़ी की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। सीसीटीवी फुटेज में आखिरकर पुलिस को वह गाड़ी दिख गई। इसके बाद गाड़ी के नंबर के आधार पर इसकी तलाश की गई। पुलिस को यह गाड़ी सूरत के ही सचिन इंडस्ट्रियल इलाके में लावारिस हालत में खड़ी मिली। गाड़ी के मालिक की तलाश के दौरान पुलिस को तीनों आरोपियों के बारे में जानकारी लगी। जिसके बाद उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

DNA टेस्ट के जरिए परिवार की तलाश
इस बच्ची के परिवार के बारे में पुलिस को पुख्ता तौर पर अब तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। हालांकि पुलिस को पांडेसेरा क्षेत्र में तीन महिलाओं और दो पुरुषों के शव मिले हैं। बच्ची के साथ उन पांचों के डीएनए  मैच कराए जा रहे हैं। इस बीच इस बीच आंध्र प्रदेश के एक परिवार ने बच्ची को लेकर दावा किया है। पुलिस ने दावा करने वाले पिता और बच्ची का डीएनए करवाने के लिए भी सैम्पल भेजा है। 

बच्ची के शरीर पर मिले थे 86 निशान
बता दें कि सूरत के पांडेसरा स्थित सांई मोहन सोसाइटी के पीछे क्रिकेट ग्राउंड में 6 अप्रैल को एक 11 साल की बच्ची का शव मिला था। पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट में मासूम के शरीर पर चोट के 86 निशान पाए गए थे। रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि बच्ची के साथ जानवरों की तरह रेप किया गया और प्राइवेट पार्ट्स में गर्भाशय तक घाव किए गए। हैवानियत जब यहां तक भी शांत नहीं हुई तो गला दबाकर आखिरकार उसकी जान ले ली गई।  

बच्ची की पहचान के लिए शहर में पोस्टर
बच्ची के परिवार के बारे में पता करने के लिए पुलिस ने 20,000 रुपए का इनाम रखा है। पुलिस मान रही थी कि बच्ची बंगाल या उडीसा की हो सकती है इसलिए पुलिस ने बंगाली और उडिया समेत 5 भाषाओं में 1200 पोस्टर शहर भर में लगाए थे। साथ ही पुलिस ने अंग्रेजी, हिन्दी और गुजराती में भी पोस्टर लगाए थे। हालांकि अब पता चल रहा है कि बच्ची आंध्र प्रदेश की थी।

 

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