ओवर ग्राउंड वर्कर के मदद से जम्मू-कश्मीर में छिपे है 38 आतंकी, जानिए, क्या है सुरक्षाबलों का एक्शऩ प्लान

कश्मीर में आतंकियों का कहर ओवर ग्राउंड वर्कर के मदद से जम्मू-कश्मीर में छिपे है 38 आतंकी, जानिए, क्या है सुरक्षाबलों का एक्शऩ प्लान

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-12 11:39 GMT
ओवर ग्राउंड वर्कर के मदद से जम्मू-कश्मीर में छिपे है 38 आतंकी, जानिए, क्या है सुरक्षाबलों का एक्शऩ प्लान
हाईलाइट
  • 38 आतंकियों में 27 लश्कर के और 11 जैश ए मोहम्मद के है

डिजिटल डेस्क,श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आए दिन आतंकी हमले होते है। हमारे देश के जवान मुठभेड़ के दौरान शहीद हो जाते है। लेकिन, आतंकियों के सामने हार नहीं मानते। आज ही हिजबुल मुजाहद्दीन के 2 कमांडर को सुरक्षाबलों ने मार गिराया और अब भी राज्य में 38 आतंकियों के छिपे होने की खबर है। इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि, जम्मू-कश्मीर में अब भी 38 खतरनाक आतंकी मौजूद है। ये आतंकी OGW (ओवर ग्राउंड वर्कर) से किसी कोने में छिपे हुए है और प्रदेश में अशांति का माहौल कायम कर रहे है। 

मीडियो रिपोर्ट्स की मानें तो, हमारी खुफिया एजेंसियां घाटी में छिपे और घटनाओं को अंजाम देने वाले पाकिस्तानी आतंकियों की लिस्ट तैयार कर ली है और उन्हें ढूंढ़ने के लिए तलाशी अभियान तेज कर दिया है। बता दें कि, जिन 38 आतंकियों की लिस्ट तैयार की गई है उसमें 27 लश्कर के आतंकी हैं और बाकी 11 जैश ए मोहम्मद से तालुल्ख रखते है। सूत्रों की मानें तो, कुछ नए आतंकियों की भर्ती की गई है, जिनका इस्तेमाल पुराने आतंकी अपने फायदें के लिए कर रहे है।

कैसे कर रहे इस्तेमाल
पुराने आतंकी अपने न्यू बैच के आतंकियों का इस्तेमाल राज्य में अशांति फैलाने के लिए कर रहे है। कभी सुरक्षाबलों को मारने की साजिश, कभी उन्हें हमला कर टारगेट करने की कोशिशि, सिक्युरिटी इंस्टालेशन पर ग्रेनेड अटैक करने जैसी घटनाओं को अंजाम देना इनका मकसद है। हालांकि, देश की NIA से लेकर राज्य पुलिस और आईबी की पूरी टीम कश्मीर में सर्च ऑपरेशन चला रही है। ताकि एक-एक आतंकी को मार गिराया जाए। 

एक्शन प्लान
आए दिन एनकाउंटर में भले ही आतंकियों का मार गिराया जा रहा हो। लेकिन, देश के कई जवान भी इसमें शहीद हो रहे है, जिसे देखते हुए मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया। जी हां! गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में CRPF की 5 अतिरिक्त कंपनियां भेजने का फैसला किया है, इसके जरिए लगभग 5 हजार 500 अतिरिक्त जवान घाटी में मौजूद रहेंगे और सिविलियन किलिंग की घटनाओं में रोक लगाएंगे। बता दें कि, अक्टूबर के बाद से घाटी में 15 नागरिकों की हत्या कर दी गई थी।  

 

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