गोरक्षकों का आतंक : गुजरात में 450 दलितों ने अपनाया बौद्ध धर्म

गोरक्षकों का आतंक : गुजरात में 450 दलितों ने अपनाया बौद्ध धर्म

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-30 05:37 GMT
गोरक्षकों का आतंक : गुजरात में 450 दलितों ने अपनाया बौद्ध धर्म

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। गुजरात के उना से धर्म परिवर्तन का एक बड़ा मामला सामने आ रहा है। यहां करीब 450 से अधिक दलित युवक-युवतियों ने परिवार समेत हिंदू धर्म को त्यागकर बौद्ध धर्म अपना लिया है। इनमें से कुछ ने बताया है कि इलाके में स्वयंभू गोरक्षकों का आतंक फैला हुआ। आए दिन ये गोरक्षक हमें अपना शिकार बनाते हैं और पीड़ित करते रहते हैं। यही कारण है कि हमने अब बौद्ध धर्म अपना लिया है। बता दें कि धर्म परिवर्तन के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दलित विधायक प्रदीप परमार भी मौजूद थे।

जानकारी के अनुसार इन सभी दलितों ने गिर सोमनाथ जिले के मोता समधियाला गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में हिंदू धर्म को त्यागकर बौद्ध धर्म अपना लिया है। इस दौरान उन्होंने हिंदुओं के भगवान और मान्यताओं को नहीं मानने समेत 22 शपथ ली। बता दें कि इस पूरे मामले में अभी जिला अधिकारी (कलेक्टर) की मुहर लगना अभी बाकी है। आधिकारिक तौर पर धर्म परिवर्तन तब तक मान्य नहीं होगा, जब तक की जिला कलेक्टर से मान्यता नहीं मिल जाए।

 

 



दलित बालू भाई ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हिन्दू गोरक्षक हमें मुस्लिम कहते हैं। हिन्दुओं के भेदभाव से हमें बहुत दुख होता है। यही कारण है कि हमने धर्म परिवर्तन का फैसला किया है। बालू ने कहा कि राज्य सरकार भी हमारे साथ खड़ी नजर नहीं आती है। उसने भी हमारे साथ भेदभाव ही किया, क्योंकि उत्पीड़न की घटना के बाद जो वादे हमसे किये गए थे, वे पूरे नहीं हुए।

मंदिरों में नहीं जाने दिया जाता था


दूसरे दलित रमेश ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हिंदू हमारे साथ इस कदर भेदभाव करते थे कि दलितों को मंदिर में भी नहीं जाने दिया जाता था। हम जहां भी काम करते हैं, वहां हमें अपने बर्तन लेकर जाना पड़ता है। उना मामले में हमें अब तक न्याय नहीं मिला है और हमारे धर्म परिवर्तन के पीछे कहीं-न-कहीं यह भी एक कारण है। रमेश ने कहा कि हिन्दुओं द्वारा उनकी जाति को लेकर किये गए भेदभाव के कारण उन्होंने बौद्ध धर्म स्वीकार किया।

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