मराठा आरक्षण पर लगी रोक हटाने के लिए दायर याचिका पर तीन जजों की बेंच ही करेगी सुनवाई

 मराठा आरक्षण पर लगी रोक हटाने के लिए दायर याचिका पर तीन जजों की बेंच ही करेगी सुनवाई

Anita Peddulwar
Update: 2020-10-17 14:13 GMT
 मराठा आरक्षण पर लगी रोक हटाने के लिए दायर याचिका पर तीन जजों की बेंच ही करेगी सुनवाई
हाईलाइट
  • 27 अक्टूबर को होगी सुनवाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मराठा समुदाय को वर्ष 2020-21 के लिए नौकरियों और कॉलेज दाखिलों में आरक्षण पर लगाई गई रोक हटाने के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ-साथ मामले में मुख्य हस्तक्षेपकर्ता राजेन्द्र दाते पाटील ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। दिलचस्प यह है कि जिन तीन जजों की बेंच ने मराठा आरक्षण पर रोक लगाई थी, उसी बेंच के समक्ष आगामी 27 अक्टूबर को मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई होगी।

गौरतलब है कि मराठा आरक्षण पर 9 सिंतबर 2020 को हुई पिछली सुनवाई के दौरान तीन जजों एल नागेश्वरराव, हेमंत गुप्ता और एस रवींद्र भट की पीठ ने स्पष्ट कर दिया था कि बड़ी बेंच मामले पर जब तक सुनवाई नहीं करती है तब तक नौकरियों और कॉलेज दाखिलों में आरक्षण नहीं होगा। हालांकि शीर्ष अदालत ने पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में हुए दाखिले में आरक्षण बरकरार रखा था। अगली सुनवाई भी इसी पीठ के समक्ष हो रही है। मराठा आरक्षण मामले में मुख्य हस्तक्षेपकर्ता दाते पाटील ने हैरानी जताते हुए कहा कि आरक्षण मामले को बड़ी बेंच को भेजे जाने के बावजूद इसी बेंच के समक्ष सुनवाई के लिए रखा जाना समज से परे है।

मुख्य हस्तक्षेपकर्ता दाते पाटिल ने बताया कि याचिका में कई कानूनी बिंदूओं पर फोकस किया है। कोर्ट को कई मामलों का हवाला देते हुए यह बताया गया है कि मामले को बड़ी बेंच को रेफर करते हुए अनुच्छेद 140 के अनुसार कई मामलों के फैसलों में आरक्षण पर रोक लगाई नहीं गई है। जिनमें सुप्रीम कोर्ट एडव्होकेट्स ऑन रेकॉर्ड एसोसिएशन बनाम भारत सरकार, स्टेट ऑफ त्रिपुरा बनाम जयंता चक्रवर्ती और तमिलनाडु मेडिकल एसोसिएशन बनाम भारत सरकार शामिल है। 

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