प्रणब मुखर्जी का असर, RSS में शामिल होने वालों की संख्या पांच गुना बढ़ी
प्रणब मुखर्जी का असर, RSS में शामिल होने वालों की संख्या पांच गुना बढ़ी
- कर्नाटक के बाद सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल के लोग संघ में शामिल हुए है।
- लोगों की संघ के प्रति दिलचस्पी बढ़ी है।
- संघ में शामिल होने वालों की संख्या में पांच गुना इजाफा हुआ है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संघ के कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद संघ में शामिल होने वालों की संख्या में पांच गुना इजाफा हुआ है। संघ ने दावा किया है कि उनके कार्यक्रम में शामिल होने के बाद से लोगों की संघ के प्रति दिलचस्पी बढ़ी है। संघ के अनुसार अब तक पांच गुना इजाफा हुआ है। जिसमें कर्नाटक के बाद सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल के लोग संघ में शामिल हुए है।
संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने दावा किया है कि संघ के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी के शामिल होने के बाद इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पश्चिम बंगाल में देखने को मिला है। यहां सबसे ज्यादा 40 प्रतिशत लोगों ने संघ में सदस्यता ली है। बंगाल में संघ के प्रचारक बिप्लब रॉय ने बताया कि 6 जून को संघ में शामिल होने के लिए ऑनलाइन 378 लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन 7 जून को प्रणब मुखर्जी के शामिल होने के बाद से यह संख्या 1779 तक पहुंच गई। इसके बाद से लगातार संख्या में इजाफा होता जा रहा है। दक्षिण बंगाल में आरएसएस के महासचिव जिश्रू बासु ने बताया है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संघ कार्यक्रम में शामिल होने के बाद से कर्नाटक और उसके बाद पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा आवेदन आए हैं। बता दें कि बीते कुछ समय से बंगाल में लोकतंत्र की हत्या की गई है और चहां कट्टरवाद बढ़ा है।
प्रणब मुखर्जी के संघ कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उनको लेकर कांग्रेस के साथ कई अन्य दलों ने इसकी निंदा की थी। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पर हमला बोलते हुए कहा है कि जो आदमी 50 सालों तक कांग्रेस में रहा, उसने संघ मुख्यालय जाकर पार्टी को पूरी तरह से ख़त्म कर दिया। खुद प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आरएसएस कार्यक्रम में जाने को गलत बताते हुए कहा था कि यह बीजेपी और आरएसएस को अफवाह फैलाने का मौका देगा।
बता दें कि हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संघ के कार्यक्रम में शामिल होने पर हुए विवाद में कांग्रेस नेता दिग्विजय ने बड़ा बयान दिया था। दिग्विजय ने कहा था कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तरह संघ ने उन्हें भी अपने कार्यक्रम में आने के लिए न्योता दिया होता तो वो भी जाते। संघ के मुखर आलोचक रहे दिग्विजय सिंह ने प्रणब मुखर्जी के संघ मुख्यालय जाने के फैसले का समर्थन किया था। दिग्विजय ने कहा था कि प्रणब मुखर्जी ने संघ के नागपुर कार्यक्रम में शामिल होकर कोई गलत कदम नहीं उठाया था। अगर RSS ने मुझे कार्यक्रम में आने के लिए न्योता दिया होता तो मैं भी जाता। पता नहीं मुझे मंच पर बुलाने में क्या बुराई थी। अगर में वहां गया होता तो उन्हें आईना दिखाता और अपनी विचारधारा को सबके सामने रखता।