वायु प्रदूषण से है कोरोनावायरस मरीजों को खतरा : शोध

वायु प्रदूषण से है कोरोनावायरस मरीजों को खतरा : शोध

IANS News
Update: 2020-04-08 14:31 GMT
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नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रदूषित हवा के लंबे समय तक रहने से घातक कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की मृत्यु दर में वृद्धि हो सकती है। यह हाल ही में हुए एक अध्ययन का निष्कर्ष है जो दोनों कारकों के बीच एक स्पष्ट संबंध बनाता है।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि पीएम 2.5 के लंबे समय तक संपर्क में वृद्धि से कोरोनावायरस की मृत्यु दर में बड़ी वृद्धि हो सकती है।

इंडियन चेस्ट सोसाइटी के अध्यक्ष डी.जे. क्रिस्टोफर ने आईएएनएस से कहा, रिपोर्ट परेशान करने वाली है क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि वायु प्रदूषण के संपर्क से कोरोनावायरस रोगी की गंभीरता और मृत्यु प्रभावित हो सकती है। मैं अपने देश के शहरों में उच्च प्रदूषण, विशेष रूप से नई दिल्ली के बारे में गहराई से चिंतित हूं।

उन्होंने कहा, लेकिन, हमें इस बारे में और रिपोर्टो के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है। तब हम देख पाएंगे कि प्रदूषित शहरों में गंभीरता और मामलों की संख्या अधिक है या नहीं।

अध्ययन के लिए हार्वर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने संयुक्त राज्य अमेरिका में 4 अप्रैल 2020 तक लगभग 3,000 काउंटी से डेटा एकत्र किया। इसमें पाया गया कि पीएम 2.5 में केवल 1 माइक्रो पर क्यूब मीटर की वृद्धि कोरोनावायरस मृत्यु दर में 15 प्रतिशत की वृद्धि की वजह बन सकती है।

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