रोहिंग्या मुसलमानों की सेना बनाना चाहता था अल-कायदा का संदिग्ध आतंकी

रोहिंग्या मुसलमानों की सेना बनाना चाहता था अल-कायदा का संदिग्ध आतंकी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-20 14:11 GMT
रोहिंग्या मुसलमानों की सेना बनाना चाहता था अल-कायदा का संदिग्ध आतंकी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फारेंसिक जांच के बाद अल-कायदा के संदिग्ध आतंकी समीउन रहमान उर्फ सूमोन हक उर्फ राजू भाई (28) के लैपटॉप और मोबाइल फोन से कुछ और राज बाहर आ सकते हैं। फिलहाल पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि उसका असली मकसद भारत में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों की एक फौज तैयार कर उन्हें म्यांमार सेना के मुकाबले खड़ा करना था। रहमान रोहिंग्या मुसलमानों की सेना के चयनित युवकों को प्रशिक्षण देने के लिए मणिपुर या मिजोरम में ट्रेनिंग कैंप स्थापित करना चाहता था। इस सेना को हथियार और प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी अल-कायदा की थी। 

रहमान ने शुरू कर दी थीं भर्तियां 
सूत्रों ने बताया कि पूछताछ में कुछ ऐसे लोगों की पहचान की गई है, जिनकी भर्ती हाल ही में रहमान ने की है। सुरक्षा एजेंसियां उससे यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि भर्ती दिल्ली में गड़बड़ी फैलाने के लिए की जा रही थी या फिर म्यांमार सेना से मुकाबले के लिए। इस बीच एजेंसियां उस व्यक्ति को पकड़ने के भी काफी करीब पहुंच गई हैं, जिससे मिलने रहमान मणिपुर जाने वाला था।

प्रशिक्षण में मदद देता अल कायदा 
पूछताछ में सामने आया है कि रहमान करीब दर्जन भर उन रोहिंग्या शरणार्थियों के लगातार संपर्क में था, जिन्हें उसने म्यांमार सेना से मुकाबले के लिए रिक्रूट किया था। रोहिंग्या शरणार्थियों के बीच से लोगों को रिक्रूट कर मणिपुर में अलकायदा के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षित किए जाने की योजना था। प्रशिक्षण के बाद उन्हें म्यांमार भेजा जाना था, जहां से सैन्य कार्रवाई के बाद बड़े पैमाने पर रोहिंग्या मुसलमानों ने भारत और पाकिस्तान की ओर पलायान किया है।

डी कंपनी से भी जुड़े थे तार
रहमान ने डी-कंपनी से जुड़े होने की बात भी स्वीकार की है। उसने बताया डी गैंग का सक्रिय सदस्य फारूख नाम का एक व्यक्ति ढाका जेल में उससे मिला था। फारूख ने उसे सन 2016 में भारत में हमलों को अंजाम देने के लिए हथियारों और गोला बारूद की सप्लाई का वायदा किया था। स्पेशल सेल ने दाऊद के सहयोगियों के तौर पर रऊफ और फारूख की पहचान की पुष्टि की है। डी कंपनी से जुड़े होने की वजह से जांच एजेंसियां यह मान कर भी चल रही हैं कि वह त्यौहारी सीजन में दिल्ली या आसपास किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था।   

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