बोधगया ब्लास्ट: सभी आरोपी दोषी करार, 90 लोगों की गवाही के बाद आया फैसला

बोधगया ब्लास्ट: सभी आरोपी दोषी करार, 90 लोगों की गवाही के बाद आया फैसला

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-25 06:49 GMT
बोधगया ब्लास्ट: सभी आरोपी दोषी करार, 90 लोगों की गवाही के बाद आया फैसला

डिजिटल डेस्क, पटना। एनआईए कोर्ट ने बोधगया सीरियल बम ब्लास्ट मामले के सभी 5 आरोपियों को दोषी करार दिया है। एनआईए कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाने से पहले 90 लोगों की गवाही ली। भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया में वर्ष 2013 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में एनआई कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है। एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुनाया। उन्होंने इस मामले में निर्णय पर पहुंचने के पहले 90 लोगों की गवाहियां लीं।  सजा पर फैसला 31 मई को आएगा।  मले की सुनवाई शुरू होने पहले महाबोधि मंदिर में दोषियों को कड़ी सजा और विश्व शांति के लिए बौद्ध भिक्षुओं ने विशेष पूजा-अर्चना की।

7 जुलाई 2013 को हुए थे धमाके 


सात जुलाई 2013 की सुबह बोधगया में नौ सीरियल बम धमाके हुए थे। तीन अलग-अलग जगहों से जिंदा बम भी बरामद किए गए था। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई थी। विशेष लोक अभियोजक के अनुसार हैदर अली ने इस घटना को अंजाम देने का षड्यंत्र रचा था जिसमें उमेर और अजहर शामिल था। हैदर अली प्रतिबंधित सिमी का सक्रिय सदस्य था। वह रांची में रहकर संगठन का कार्य देखता था। हैदर अली और उमेर ने ही बोधगया बम ब्लास्ट का ताना-बाना बुना। उसके अलावा अन्य चार अभियुक्त भी इस षड्यंत्र में शामिल हो गए। एनआईए ने इस मामले में गिरफ्तार लोगों को पटना के बेऊर जेल में रखा था। फैसला सुनाने के दिन उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया। फैसला सुनाने के पहले कोर्ट परिसर की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। 

गांधी मैदान बम ब्लास्ट में भी हैं आरोपी 


एनआइए (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) कोर्ट के विशेष जज मनोज कुमार सिन्हा ने सुनवाई पूरी करने के बाद विगत 11 मई को फैसले की तारीख तय की थी। उसी दिन बचाव पक्ष की बहस समाप्त हो गई थी। एनआइए कोर्ट का यह पहला अहम फैसला है। एनआइए के विशेष लोक अभियोजक ललन प्रसाद सिन्हा ने बताया कि इस मामले में निर्णय पर पहुंचने के पहले 90 लोगों ने गवाही दी। उन्होंने बताया इस मामले में उमेर सिद्दिकी, अजहर उद्दीन कुरैशी, हैदर अली, मुजीबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज अंसारी को आरोपी बनाया गया था। ये सभी पटना के गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट में भी अभियुक्त हैं। 

11 मई को पूरी हो गई थी बहस 


इस धमाके में एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु और म्यांमार के तीर्थ यात्री घायल हो गए थे। विशेष न्यायाधीश ने 11 मई 2018 को बहस पूरी होने के बाद निर्णय 25 मई के लिए सुरक्षित रख लिया था। हाल ही में कोलकाता पुलिस ने बोधगया बम बरामदगी मामले से जुड़े होने के आरोप में आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के एक संदिग्ध सदस्य को भी गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपी की उम्र 20-25 साल थी, जिसे पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के धुलियां से पकड़ा था। उसकी शिनाख्त नूर आलम के रूप में हुई थी। 

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