अमरनाथ यात्रा : कड़ी सुरक्षा के बीच पहला जत्था रवाना

अमरनाथ यात्रा : कड़ी सुरक्षा के बीच पहला जत्था रवाना

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-28 06:00 GMT
अमरनाथ यात्रा : कड़ी सुरक्षा के बीच पहला जत्था रवाना

एजेंसी, जम्मू। कड़ी सुरक्षा व्यवस्थाओं के बीच बुधवार से 40 दिवसीय अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई। पहला जत्था 2,280 श्रद्धालुओं के साथ यात्रा के लिए रवाना हो गया है। पर्यटन राज्यमंत्री प्रिया सेठी और जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह ने काफिले को सुबह लगभग 5.30 बजे रवाना किया है। यहां भगवती नगर यात्री निवास से 72 वाहनों का काफिला जय भोलेनाथ और बम बम भोले के जयकारे के बीच रवाना हुआ।

अधिकारियों ने बताया कि खुफिया चेतावनी मिलने के चलते सर्वोच्च स्तर के सुरक्षा बंदोबस्त किए गए। इनमें सैटेलाइट ट्रेकिंग प्रणाली, जैमर, बुलेटप्रूफ बंकर, डॉग क्वायड, सीसीटीवी कैमरे और त्वरित प्रतिक्रिया बलों के अतिरिक्त हजारों सुरक्षा कर्मी शामिल हैं, जो घाटी में बढ़ी हिंसा और खतरे के मद्देनजर मार्ग में तैनात हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि पहले जत्थे के श्रद्धालुओं में 1,811 पुरूष, 422 महिलाएं, 47 साधु हैं, जिनकी सुरक्षा में केंद्रीय आरक्षित पुलिस बल के वाहन साथ चल रहे हैं। इनमें से 698 श्रद्धालु 25 वाहनों में सवार होकर बालटाल आधार शिविर की ओर रवाना हो गए हैं, जबकि जम्मू बेस कैंप से 1,535 श्रद्धालु और 47 साधु 47 वाहनों में सवार होकर पहलगाम आधार शिविर की ओर रवाना हो गए। सिंह ने कहा कि यात्रा में कोई व्यवधान ना आए, इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा, सरकार ने पुलिस, सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ के 35,000 से 40,000 जवानों को तैनात किया है। राज्य में सीआरपीएफ के वर्तमान बल के अतिरिक्त केंद्र ने राज्य सरकार को अर्द्धसैनिलक बलों की लगभग 250 कंपनियां मुहैया करवाई हैं, जिनमें 25,000 जवान हैं। उन्होंने कहा कि इस बार यात्रा मार्ग पर सेटेलाइट से नजर रखी जा रही है।

बीएसएफ ने यात्रा के मार्ग में करीब 2,000 जवानों को तैनात किया है। सेना ने पांच बटालियन मुहैया करवाई हैं, इनके अलावा पुलिस की अतिरिक्त 54 कंपनियों को भी यहां लाया गया है। कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिदेशक मुनीर खान की ओर से सेना, सीआरपीएफ और राज्य के रेंज डीआईजी को भेजे गए पत्र में एसएसपी अनंतनाग को प्राप्त खुफिया जानकारी के बारे में बताया गया है, जिसके मुताबिक आतंकियों को 100 से 150 श्रद्धालुओं तथा करीब 100 पुलिस अफसरों तथा अधिकारियों को खत्म करने का निर्देश दिया गया है। इस वर्ष यात्रा की अवधि पिछले वर्ष के मुकाबले 8 दिन कम है।

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