मिशन 2019 की तैयारी में अमित शाह, पूर्वोत्तर के 7 राज्यों में देंगे जीत का मंत्र

मिशन 2019 की तैयारी में अमित शाह, पूर्वोत्तर के 7 राज्यों में देंगे जीत का मंत्र

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-30 04:48 GMT
मिशन 2019 की तैयारी में अमित शाह, पूर्वोत्तर के 7 राज्यों में देंगे जीत का मंत्र
हाईलाइट
  • पश्चिम बंगाल के बाद बीजेपी ने पूर्वोत्तर राज्यों पर फोक्स करना शुरू कर दिया है।
  • बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज मणिपुर दौरे पर रहेंगे।
  • शाह पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी मुख्यमंत्रियों और पार्टी के सभी नेताओं से मुलाकात करेंगे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पूर्वोत्तर के 7 राज्यों में पार्टी के नेताओं को जीत का मंत्र देने के लिए आज मणिपुर दौर पर रहेंगे। पश्चिम बंगाल के बाद बीजेपी ने पूर्वोत्तर राज्यों पर फोक्स करना शुरू कर दिया है। 2019 के लिए बीजेपी देश के इस हिस्से में 20 ज्यादा सीटों पर फतेह हासिल करना चाहती है। बता दें कि मणिपुर में अमित शाह पार्टी कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। जिसमें संगठन को पूर्वोत्तर के 7 राज्यों में मजबूत करने पर विचार मंथन किया जाएगा। 


 


शाह पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी मुख्यमंत्रियों और पार्टी के सभी नेताओं से मुलाकात करेंगे। 2019 के आम चुनावों के मद्देनजर पूर्वोत्तर की संसदीय समिति की शनिवार को बैठक होगी जिसमें चुनावी रणनीति पर चर्चा किए जाने की संभावना है। शाह के बैठक में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू, मणिपुर के सीएम एन.बिरेन सिंह, त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब, अरूणाचल के सीएम प्रेम खांडू सहित कई विधायक-सांसद शामिल होंगे। 

 

 

 

जब राजनीतिक दल 19 दिसंबर को घोषित होने वाले गुजरात चुनाव के परिणामों को लेकर कयास लगा रहे थे तब प्रधानमंत्री मोदी दो चुनावी पूर्वोत्तर राज्यों मिज़ोरम और मेघालय में रैली कर रहे थे। साफ जाहिर होता है कि भाजपा अगर 2014 की जीत को 2019 में दोहराना चाहती है तो उस बेहतरीन प्रदर्शन करने के साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करना होगा। यही कारण है कि बीजेपी पूर्वोत्तर में पहली बार असम जीत से खुले द्वार से सभी राज्यों में अपनी मज़बूत पकड़ बनाना चाहती है।

 

 

 

देश के इतिहास में पहली बार 1 जनवरी को दो पूर्वोत्तर की भाषाओं असमी और मणिपुरी में भी प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट शुरू की गई है ताकि भाषाई आधार पर भी पूर्वोत्तर को मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। सूत्रों की बात की जाए तो साल 2104 लोकसभा चुनावों में पांच राज्यों गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड में क्लीन स्वीप की थी, लेकिन गुजरात चुनावों के नतीजों के बाद बीजेपी को उम्मीद नहीं हैं कि 2019 में इस प्रदर्शन को दोहराया जा सके। अब बीजेपी इसकी  भरपाई पूर्वोत्तर के 7 राज्यों से करना चाहती है।

 

 

 

गौरतलब है कि पूर्वोत्तर के ज्यादातर राज्यों में पिछले दो सालों में हुए विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद लोकसभा चुनावों पर फोकस कर रही है। बीजेपी ने सबसे पहले असम में सत्ता हासिल की। इसके बाद उसने अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय में सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन अब बीजेपी ईसाई बाहुल्य राज्य मिजोरम पर फोकस कर रही है। 

 

 


 


 

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