शाह ने पूछा- कमलनाथ एंबेसेडर लेकर आये थे, रियासत के मालिक कैसे बन गये?

शाह ने पूछा- कमलनाथ एंबेसेडर लेकर आये थे, रियासत के मालिक कैसे बन गये?

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-23 13:00 GMT
शाह ने पूछा- कमलनाथ एंबेसेडर लेकर आये थे, रियासत के मालिक कैसे बन गये?
हाईलाइट
  • शाह ने सबसे पहले छिंदवाड़ा जिले के पांर्ढुना में नगर पालिका ग्राउंड पर जनसभा को संबोधित किया।
  • अमित शाह ने कहा
  • कांग्रेस के शासन में देश में घुसपैठिए घुसते रहे क्योकि कांग्रेस को उनमें अपना वोटबैंक दिखता था।
  • अमित शाह ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश में ताबड़तोड़ रैलियां की।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को चुनाव होने जा रहे हैं। इससे पहले राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में किसी तरह की को कसर नहीं छोड़ना चाहते। इसी को देखते हुए मालवा और बुंदेलखंड के बाद शुक्रवार को बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह ने छिंदवा़ड़ा, सिवनी और बालाघाट में रैली की। इसके बाद शाम को कटनी में उन्होंने रोड शो किया। अमित शाह ने सबसे पहले छिंदवाड़ा जिले के पांर्ढुना में नगर पालिका ग्राउंड पर जनसभा को संबोधित किया। शाह ने छिंदवाडा में कहा, कमलनाथ थक गए हैं, कोरे वादे कर रहे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं वे एक यहां एंबेसेडर लेकर आये थे इतने बढ़ी रियासत के मालिक कैसे बन गये?

अमित शाह का कटनी में रोड शो
कटनी जिले के चारों भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में अमित शाह ने डेढ़ घंटे का रोड शो किया। शाह शाम सात बजे हेलीकाप्टर से कटनी पहुंचे और शाम 7.20 बजे मिशन चौक पहुंचे। निर्धारित समय से लगभग दो घंटे देरी से रोड शो चालू हुआ। डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करने में एक घंटे 41 मिनट का समय लगा। जगह-जगह पर अमित शाह का स्वागत किया गया। इस दौरान शाह ने आम लोगों पर पुष्प की वर्षा कर प्रत्याशियों के लिए आर्शीवाद मांगा। अमित शाह शनिवार सुबह 10 बजे अशोकनगर के लिए रवाना होंगे।

अमित शाह की बालाघाट सभा
अमित शाह ने बालाघाट में सभा को संबोधित करते हुए कहा, भारतीय जनता पार्टी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी बनाकर चुनाव के मैदान में उतरी है। मध्य प्रदेश की जनता को तय करना है कि यहां किसकी सरकार बनानी है। आपने बंटाधार कांग्रेस की सरकार भी देखी है जहां बिजली का अभाव था और शिवराज सिंह ने हर गाव में, हर घर में बिजली देने का काम किया है। राहुल बाबा किसान-किसान करते है। क्या राहुल बाबा ने कभी 2 बैल भी जोते है? आपके समय में किसानो को यूरिया के लिए तो लाठी खानी पढ़ती थी।

मोदी सरकार ने यूरिया की नीम कोटिंग करके काला बाजारी बंद कर दी। अब किसानों को यूरिया के लिए लाइन में नहीं लगना पढता। कांग्रेस के शासन में देश में घुसपैठिए घुसते रहे क्योकि कांग्रेस को उनमें अपना वोटबैंक दिखता था। जब भाजपा NRC लायी और 40 लाख घुसपैठियों को चिन्हित करने का काम किया तो कांग्रेस बौखला उठी, उन्हें देशवासियों से ज्यादा घुसपैठियों के मानव अधिकारों की चिंता होने लगी।

अमित शाह की सिवनी सभा
अमित शाह ने सिवनी में कहा, किसानों का गेहूं, चावल, मक्का समर्थन मूल के साथ खरीदने का काम भाजपा सरकार कर रही है। सोनिया-मनमोहन की कांग्रेस सरकार ने मध्य प्रदेश के लिए 1,34,190 करोड़ रुपये दिया। लेकिन नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने मध्य प्रदेश को 14वें वित्त आयोग में मध्य प्रदेश को 3,44,126 करोड़ रुपये देने का काम किया। कांग्रेस के शासन में देश में घुसपैठिये घुसते रहे हैं क्योकि उन्मे उन्हें वोट बैंक दिखता था। असम में हमारी सरकार आयी, हम NRC लाये और 40 लाख घुसपैठियों को चिन्हित करने का काम किया।

अमित शाह की छिंदवाड़ा सभा
अमित शाह ने कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा के पांढुर्ना में सभा को संबोधित करते हुए कहा, कांग्रेस बिन नेता, बिन नीति और बिन सिद्धांत की लड़ाई लड़ रही है। जिसमें एक राजा, एक महाराज और एक थका हुआ उद्योगपति है। मैं राहुल बाबा से पूछना चाहता हूं कि वे मप्र की जनता को यह बता दें कि उनका सेनापति आखिर कौन है? अमित शाह ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से गांधी परिवार की चार पीढ़ियों का हिसाब मांगा कि आखिर उन्होंने प्रदेश के लिए क्या खर्च किया? वहीं उन्होंने मोदी सरकार की 129 योजनाओं का जिक्र करते हुए साढ़े चार सालों का हिसाब दिया। शाह ने कहा, कमलनाथ थक गए हैं, कोरे वादे कर रहे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं वे यहां एंबेसेडर लेकर आये थे इतने बढ़ी रियासत के मालिक कैसे बन गये?

मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को चुनाव
बता दें कि मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर 28 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. इस राज्य में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है। यहां पर सत्तारूढ़ बीजेपी शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में अपनी सत्ता बचाने की जद्दोजहद कर रही है, तो दूसरी ओर कांग्रेस सत्ता का अकाल दूर करने की कोशिश में है। लिहाजा इस चुनाव में मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने के लिए दोनों पार्टियां एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रही हैं।

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