अमृतसर हादसा: वो 10 कारण, जिसकी वजह से चली गई 61 लोगों की जान
अमृतसर हादसा: वो 10 कारण, जिसकी वजह से चली गई 61 लोगों की जान
- हादसे के बाद कई गलतियां आईं सामने
- अब तक 61 की मौत
- 72 लोग घायल
- छोटे मैदान में काफी संख्या में जमा थे लोग
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। अमृतसर में रावण दहन के दौरान शुक्रवार शाम एक बड़ा ट्रेन हादसा हो गया, जिसमें अब तक 61 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 72 लोग घायल हो गए हैं। दरअसल, कार्यक्रम देखने आए लोग रेल पटरी पर बैठकर रावण दहन देखने लगे थे। तभी अचानक जोड़ा फाटक के पास दोनों पटरियों पर तेज रफ्तार ट्रेन आ गईं और बड़ा हादसा हो गया। इस कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस पार्षद मिट्ठू मदान ने करवाया था। आइए जानते हैं, वो 10 गलतियां, जिनके कारण इतनी बड़ी संख्या में जनहानि हो गई।
1. रावण दहन और पटाखे फूटने के बाद भीड़ पटरियों की तरफ बढ़ने लगी। पटरियों पर पहले से ही उन लोगों का जमावड़ा था, जो रावण दहन देख रहे थे। ऐसे में और ज्यादा लोगों के उस स्थान पर पहुंच जाने से भीड़ काफी ज्यादा बढ़ गई थी।
2. जिस रेलवे फाटक के नजदीक रावण दहन कार्यक्रम चल रहा था, वहां अचानक ट्रेन आ गई, जिसके बाद लोग दूसरी पटरी की तरफ भागने लगे, लेकिन दूसरी पटरी पर भी विपरीत दिशा से दूसरी ट्रेन आ गई और लोगों को समय ही नहीं मिल पाया।
3. कार्यक्रम के लिए बड़ी एलईडी लाइट उस स्थान पर लगी थीं, जहां से पटरियां गुजरती हैं। इससे ऐसा लगता है, जैसे आयोजक को इस बात की जानकारी थी कि लोग यहां रहकर भी रावण दहन देख सकते हैं।
4. जिस स्थान पर रावण दहन हो रहा था वहां रेलवे पटरियों पर एक फाटक भी था। स्थानीय लोगों के मुताबिक ट्रेनों के गुजरने के दौरान भी फाटक को बंद नहीं किया गया था।
5. छोटे से मैदान में ये कार्यक्रम किया जा रहा था, जहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। कार्यक्रम स्थल पर बड़े नेताओं की मौजूदगी थी, लेकिन कार्यक्रम के पहले किसी ने प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं दी थी। स्थानीय प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई, जिसके कारण प्रशासन ने कोई इंतजाम ही नहीं किए।
6. कार्यक्रम की जानकारी रेलवे प्रशासन को भी नहीं दी गई थी, जबकि जिस ट्रेन रूट पर ये हादसा हुआ है, वहां से ट्रेनों का आना-जाना लगातार जारी रहता है। लोगों का कहना है कि स्टेशन मास्टर फाटक बंद कर देता तो हादसा नहीं होता।
7. एक साथ अलग-अलग दिशाओं से 2 ट्रेने आना भी हादसे का बड़ा कारण है। एक तरफ से ट्रेन आने के बाद लोग जैसे ही दूसरी पटरी पर बढ़े, वहां से भी तेज रफ्तार ट्रेन आ गई।
8. रेलवे पटरियों पर बैठे होने के बावजूद लोग अलर्ट नहीं थे। किसी ने भी ट्रेन पर पहले से ध्यान नहीं दिया। ट्रेन के गुजरते समय कई लोग तो पटरियों से उठ भी नहीं पाए।
9. आयोजन स्थल के हिसाब से भीड़ कहीं गुना ज्यादा थी, जिसे भी जहां जगह मिली बैठता चला गया। आयोजकों ने इस बात की परवाह भी नहीं की कि इतनी बड़ी संख्या में लोग रावण दहन देखने आएंगे।
10. स्थानीय लोगों के मुताबिक आयोजकों में से किसी ने भी पटरियों पर मौजूद लोगों को वहां से हटने के लिए नहीं कहा, जिससे लोग वहीं पर जमे रहकर रावण दहन देखते रहे।