मंत्री अनंत हेगड़े की माफी, 'मेरे लिए संसद और संविधान सर्वोपरि'

मंत्री अनंत हेगड़े की माफी, 'मेरे लिए संसद और संविधान सर्वोपरि'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-28 06:47 GMT
मंत्री अनंत हेगड़े की माफी, 'मेरे लिए संसद और संविधान सर्वोपरि'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संविधान बदलने को लेकर दिए बयान के चलते विपक्ष के निशाने पर आए कंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने आज अपनी सफाई पेश की। माफी मांगते हुए हेगड़े ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। "मेरे बयान को लेकर जो सदन में गतिरोध चल रहा है, मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि मेरे लिए संविधान सर्वोपरि है। संसद मेरे लिए सर्वोपरि है, कभी किसी भी हालत में संसद के खिलाफ नहीं बोल सकता। मैं संसद का सम्मान करता हूं।"

 

दरअसल कुछ दिन पहले कर्नाटक में एक कार्यक्रम के दौरान हेगड़े ने कहा था, "जो लोग खुद को सेकुलर कहते हैं, वे अपने कुल के बारे में नहीं जानते, जिन्हें अपने मां-बाप के खून का पता नहीं, वे खुद को धर्मनिरपेक्ष बताते हैं, उनकी कोई पहचान नहीं होती। उन्होंने यहां तक कह दिया कि वे भारतीय संविधान का सम्मान तो करते हैं, लेकिन आने वाले दिनों में संविधान भी बदल जाएगा। हम उसी के लिए यहां आए हैं।"

 

राज्यसभा में बयान पर बवाल

 

बुधवार को अनंत कुमार हेगड़े के इस बयान पर राज्यसभा में भी विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था। हंगामा बढ़ता देख रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने विवाद को भूलकर सरकार-विपक्ष को एक साथ आने की अपील की थी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि सत्र खत्म होने में कुछ ही दिन शेष हैं, इसलिए विवाद को भूल जाए और एक साथ आए।

 

सदन में हंगामा उस समय शुरू हुआ था जब आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के क्रम में सभापति एम वेंकैया नायडू ने हेगड़े का नाम पुकारा। इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने उनके बयान का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया। राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि "अगर किसी व्यक्ति को संविधान पर भरोसा नहीं है, तो उसे सांसद बने रहने का अधिकार नहीं है।" इसके बाद विपक्षी सांसद राज्यसभा स्पीकर के पास तक आ गए और "मंत्री को बर्खास्त करो" के नारे लगाने लगे। जिसके बाद हंगामा बढ़ते देख राज्यसभा की कार्यवाही को भी स्थगित कर दिया।

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