'दिल्ली में होगा अंतिम आंदोलन, सरकार नहीं मानी तो प्राण त्याग दूंगा'

'दिल्ली में होगा अंतिम आंदोलन, सरकार नहीं मानी तो प्राण त्याग दूंगा'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-25 03:25 GMT
'दिल्ली में होगा अंतिम आंदोलन, सरकार नहीं मानी तो प्राण त्याग दूंगा'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकपाल आंदोलन से मनमोहन सिंह की सरकार की जड़े हिला देने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर से आंदोलन करने के मूड में हैं। अन्ना के निशाने पर इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार है। अन्ना हजारे ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी बातें नहीं मानीं तो आंदोलन में प्राण त्याग दूंगा। रविवार को संभल के नगर पालिका मैदान में भारतीय किसान यूनियन के किसान सम्मेलन में अन्ना ने कहा कि "भारत को आजाद हुए 70 वर्ष हो गए हैं। इसके बाद भी देश के हालात नहीं बदले हैं, पहले जैसे ही है। अब तो गोरे भी देश छोड़ कर चले गए, कालों ने राज कर लिया। दिल्ली में आंदोलन अंतिम होगा। 

 


इस बार सरकार को सभी मांगें पूरी करनी होगी नहीं तो आंदोलन में बैठे-बैठे ही प्राण त्याग दूंगा।" अन्ना ने 23 मार्च को दिल्ली में आयोजित आंदोलन में शामिल होने के लिए लोगों का आह्वान किया है। इसके साथ ही कहा कि अगर जेल में जाने को तैयार हों तो ही दिल्ली में आंदोलन में आना। अन्ना अब तक लोकपाल नियुक्त नहीं होने को लेकर खफा हैं। बता दें कि लोकपाल कानून मनमोहन सिंह की सरकार में बना था, लेकिन अब तक अलग-अलग कारणों से लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो पाई है।  

 

 

23 मार्च से दूसरा आंदोलन होगा शुरू

 

जानकारी के अनुसार, अन्ना हजारे पिछले तीन साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 32 पत्र लिख चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से एक भी पत्र का उन्हें जवाब नहीं मिला है। अऩ्ना ने कहा कि "पिछले तीन साल से मैं चुप हूं। जब नई सरकार आती है तो हमें उसे अवश्य कुछ समय देना चाहिए, इसलिए मैं चुप रहा लेकिन अब बोलने का टाइम आ गया है। मजबूत जन लोकपाल और देश के किसानों के लिए अगले साल 23 मार्च से दूसरा आंदोलन शुरू करने जा रहा हूं।"

 

किसान सम्मेलन में समाजसेवी अन्ना हजारे केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने केंद्र सरकार पर किसान विरोधी होने तथा उद्योगपतियों के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया है। दिल्ली के रामलीला मैदान से आजादी की दूसरी लडाई लड़ने के लिए सभा में उपस्थित लोगों से सहयोग मांगा। अन्ना ने सरकार से किसानों को पांच हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन देने की वकालत की। 

 

संभल अन्ना को सुनने दिखी लोगों की बेताबी


संभल नगर पालिका मैदान में आयोजित जनसभा में अन्ना को सुनने के लिए अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई थी। संभल के लोग उनका भाषण सुनने के लिए सुबह से ही बेताब थे। जब अन्ना हजारे मंच पर आए तो सभी लोगों ने नारेबाजी करते हुए अन्ना हजारे का स्वागत किया। इस दौरान मंच पर वक्ताओं ने बोलना शुरू कर दिया। लगभग दो घंटे तक अन्ना हजारे जब मंच पर बैठे रहे तो लोगों ने किसान नेताओं से अन्ना हजारे को बोलवाने के लिए कहना शुरू कर दिया। 

 

 


पीएम मोदी पर कसा तंज

अन्ना ने जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा तंज कसते हुए कहा कि "जब लोकसभा चुनाव का समय चल रहा था तो हमारे देश के प्रधानमंत्री ने कहा था कि विदेश में जो काला धन है। उसे 100 दिन के अंदर देश में लेकर आऊंगा और प्रत्येक भारतीय के खाते में 15-15 लाख रुपए दे दूंगा। आज तीन वर्ष से अधिक का समय हो गया है, लेकिन किसी के भी खाते में अभी तक 15 लाख रुपए नहीं आए है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि न खाने दूंगा न खाऊंगा, लेकिन अब तो वह भी उद्योगपतियों को जमकर खिला रहे हैं। यह सरकार गरीब, मजदूर, किसान की नहीं बल्कि उद्योगपतियों की हो गई है।


अन्ना की पॉपुलरिटी को देखते हुए संभल में कड़े सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए थे। तीन थानाध्यक्षों के अलावा भारी संख्या में पुलिस सिपाही तैनात किए थे। वहीं पीएसी भी नगर पालिका में लगाई थी।

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