अनुपम बने FTII के नए चेयरमैन, लोग बोले- 'चमचागिरी का रिवॉर्ड मिला'

अनुपम बने FTII के नए चेयरमैन, लोग बोले- 'चमचागिरी का रिवॉर्ड मिला'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-11 12:21 GMT
अनुपम बने FTII के नए चेयरमैन, लोग बोले- 'चमचागिरी का रिवॉर्ड मिला'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अनुपम खेर को टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) का नया चेयरमैन बनाया गया है। इससे पहले तक महाभारत में "धर्मराज युधीष्ठिर" का रोल निभा चुके गजेंद्र चौहान FTII के चेयरमैन थे। अनुपम को चेयरमैन बनाए जाने की खबर के बाद सोशल मीडिया पर लोगों के कमेंट्स की बाढ़ आ गई है। कोई उनके पक्ष में लिख रहा है, ट्वीट कर रहा है तो बहुत ऐसे हैं जो इस फैसले को उनके चमचागिरी का नतीजा बता रहे हैं।

FTII के नए चेयरमैन बने अनुपम खेर, "धर्मराज युधीष्ठिर" की लेंगे जगह


हालांकि ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है जो इसे अनुपम को सरकार के पक्ष में बोलने का रिवॉर्ड बता रहे हैं। सोशल मीडिया एक्टिविस्ट अंजलि दमनिया ने ट्वीट कर इसे सरकार की ओर से पुरस्कार बताया है।

  • एक यूजर ने लिखा है, ""अनुपम खेर को अगर FTII का चेयरमैन नहीं बनाया जाता तो लोग चमचागिरी पर भरोसा नहीं करते।""
  • कुछ यूजर्स ने लिखा कि हम उम्मीद करते हैं कि उनकी पर्सनल पॉलिटिक्स को वो फिल्मों में नहीं लाएंगे।
  • वहीं एक यूजर्स ने कमेंट किया है कि जो एक्टिंग अकेडमी चलाता है, उसे  FTII का चैयरमेन बनाया जाना कन्फिल्क्ट ऑफ इंट्रस्ट साबित हो सकता है।

मोदी की तारीफ पर शुरू हुआ था चमचा कहने का सिलसिला

बता दें कि अनुपम खेर ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की थी जिसके बाद से उन्हें चमचा कहा गया था। जवाब में उन्होंने कहा था कि वह खुद को किसी और की बाल्‍टी से अच्‍छा पीएम मोदी का चमचा कहलाना पसंद करेंगे। अनुपम ने ये भी कहा था कि मैं दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन का भी चमचा हूं।’

एक्स्ट्रा शॉट्स

  • अनुपम को उन्हें 2004 में पद्मश्री और 2016 में पद्म भूषण का सम्मान दिया गया था। 
  • अनुपम की पत्नी किरण खेर चंडीगढ़ से बीजेपी की सांसद हैं। 
  • अनुपम खेर का जन्म 7 मार्च 1955 को शिमला में हुआ था। 
  • उनके पिता क्लर्क का काम करते थे। 
  • खेर ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत एनएसडी से किया था। 
  • अनुपम खेर ने अपने करियर में 500 से ज्यादा छोटी-बड़ी फिल्मों में काम किया है। 
  • FTII का चेयरमैन बनने से पहले अनुपम खेर सेंसर बोर्ड और NSD (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) के चेयरमैन भी रह चुके हैं।
  • अनुपम का टीवी शो "कुछ भी हो सकता है" काफी पॉपुलर हुआ था।
  • उन्हें राम-लखन (1989), लम्हे (1991), खेल (1992), डर (1993) और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995) के लिए फिल्मफेयर से नवाजा जा चुका है। 
  • 1990 में आई "डैडी" के लिए उन्हें "बेस्ट एक्टर क्रिटिक अवॉर्ड" और 1988 में आई "विजय" के लिए "बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर" का अवॉर्ड भी मिल चुका है।

 

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