सेना प्रमुख ने जताई चिंता, कहा-चीन बॉर्डर पर बढ़ सकता है तनाव

सेना प्रमुख ने जताई चिंता, कहा-चीन बॉर्डर पर बढ़ सकता है तनाव

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-27 05:08 GMT
सेना प्रमुख ने जताई चिंता, कहा-चीन बॉर्डर पर बढ़ सकता है तनाव

डिजिटल डेस्क,पुणे। शनिवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के रक्षा एवं सामरिक अध्ययन विभाग द्वारा आयोजित "मौजूदा भू-सामरिक स्थिति में भारत की चुनौतियां" विषय पर व्याख्यान दिया। जिसमें उन्होंने साफ कहा कि भारत से लगी अपनी सीमा पर चीन "यथास्थिति बदलने" की कोशिश कर रहा है और डोकलाम क्षेत्र में जारी तनाव की स्थिति और बढने की उम्मीद है। रावत का कहना है चीन द्वारा डोकलाम में मौजूदा गतिरोध यथास्थिति बदलने की कोशिश हमारे लिए चिंता का विषय है। जिसे हमे गंभीरता से लेना चाहिए।

रावत ने कहा, चीन की सेना के साथ फ्लैग मीटिंग के दौरान भारतीय थल सेना ने बहुत बार ये बात कही कि दोनों पक्षों को 16 जून से पहले की जगहों पर लौट जाना चाहिए लेकिन अभी तक उस बात पर कोई काम नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि विवाद और क्षेत्र को लेकर विवादित दावे जारी हैं। यह वास्तविक नियंत्रण रेखा के निर्धारण पर अलग-अलग धारणाओं के कारण है। साथ ही उन्होंने कहा कि अब यह मुद्दा कूटनीतिक और राजनीतिक स्तर पर हो गया है इसलिए इसे कूटनीति और राजनीतिक पहलों के जरिए सुलझाने की जरूरत है।

जनरल रावत ने आगे कहा, हमारी सेना को ये सोचने के बजाए कि फिर से किसी और सेक्टर में ऐसा नहीं हो सकता है, अलर्ट रहना और सैन्य क्षमताओं को बेहतर बनाने की दिशा में काम करना चाहिए। सेना को मेरा संदेश है कि कोई ढील ना बरतें। उन्होंने कहा कि चीन लगातार क्षेत्रीय सुरक्षा में अपना दबदबा बढ़ा रहा है। वह पड़ोसी देश विशेष तौर पर पाकिस्तान, मालदीव, श्रीलंका और म्यांमार में रक्षा और आर्थिक भागीदारी बढ़ा रहा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरने वाला चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा भारत की संप्रभुत्ता को चुनौती देता है। 

जनरल रावत ने जम्मू-कश्मीर में छद्म युद्ध छेड़ने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की और उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कट्टरपंथी विचारधाराओं के साथ बैठकर दूसरे देश में आतंकवादी हरकत को अंजाम देने वाले लोगों की मौजूदगी बढ़ना गंभीर चिंता का विषय है।

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