जलियांवाला बाग नरसंहार पर ब्रिटेन को माफी मांगनी चाहिए: लंदन मेयर

जलियांवाला बाग नरसंहार पर ब्रिटेन को माफी मांगनी चाहिए: लंदन मेयर

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-07 03:04 GMT
जलियांवाला बाग नरसंहार पर ब्रिटेन को माफी मांगनी चाहिए: लंदन मेयर

डिजिटल डेस्क, अमृतसर। लंदन के पहले एशियाई मूल के मेयर सादिक खान ने अमृतसर में 1919 में हुए जलियांवाला बाग कांड के लिए ब्रिटिश सरकार से माफी मांगने की बात कही। इस दौरान विजिटर बुक में उन्होंने लिखा कि 1919 में बैसाखी वाले दिन जलियांवाला बाग में जो हत्याकांड ब्रिटिश शासन की तरफ से किया गया था उसके लिए यूनाइटेड किंगडम की सरकार को बेहद खेद है। मेयर ने लिखा वह घटना बेहद शर्मनाक थी और ब्रिटिश सरकार की तरफ से उस घटना के लिए वो भारतीयों से क्षमा मांगते हैं।

 

 

शहीदों को दी श्रदांजलि

मेयर सादिक खान ने यह भी लिखा कि ब्रिटिश सरकार को भारत आकर माफी मांगनी चाहिए। सादिक खान ने आगे लिखते हुए कहा कि उन्हें याद है कि कैसे जलियांवाला बाग में जर्नल डायर ने निहत्थे लोगों पर फायरिंग की थी। बता दें कि सादिक खान इससे पहले सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में पहुंचे और गुरबाणी का श्रवण किया। इस मौके पर सादिक खान ने लंगर घर में सेवा भी की और लंगर भी खाया। इसके बाद सादिक खान जलियांवाला बाग में शहीदों को श्रदांजलि देने पहुंचे और फूल भेंट कर शहीदों को श्रदांजलि दी। मेयर सादिक खान "शहीदों का कुआं" देखने भी गए।

 

 

2013 में पीएम डेविड कैमरन ने किया था जिक्र

उन्होंने कहा इतने सालों बाद भी ब्रिटेन सरकार ने इस नरसंहार के लिए कभी औपचारिक माफी भी नहीं मांगी। इस घटना में कितने ही निहत्थे लोगों की जानें गईं थीं। हालांकि फरवरी 2013 में तत्कालीन ब्रिटेन के प्रधान मंत्री डेविड कैमरन ने कहा था कि यह घटना बेहद शर्मनाक थी, लेकिन उन्होंने इसके लिए माफी नहीं मांगी। जलियांवाला बाग हत्याकांड भारतीय इतिहास की सबसे भयावह घटनाओं में से एक है। यह गलत है कि लगातार ब्रिटिश सरकारों ने भारत के मारे गए लोगों के परिवारों से औपचारिक माफी मांगी है। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने अपने पति प्रिंस फिलिप के साथ अक्टूबर 1997 में जलियांवाला बाग का दौरा किया था, लेकिन उन्होंने भी इस नरसंहार के लिए माफी नहीं मांगी थी। 

 

स्वर्ण मंदिर में भी मत्था टेका

भारत की अपनी प्रथम आधिकारिक यात्रा को संपन्न करते हुए लंदन के मेयर ने स्वर्ण मंदिर में भी मत्था टेका। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधिकारियों ने उन्हें एक सिरोपा भी भेंट किया। जाने से पहले उन्होंने कहा कि 24 घंटे अमृतसर में रहना उनके लिए एक विशेष चीज हैं। स्वर्ण मंदिर लंदन निवासी हजारों सिखों और दुनिया भर के लाखों सिखों के लिए एक आध्यात्मिक स्थान है।  

 

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