400 साल बाद श्राप मुक्त हुआ मैसूर राजघराना, रानी ने दिया बेटे को जन्म

400 साल बाद श्राप मुक्त हुआ मैसूर राजघराना, रानी ने दिया बेटे को जन्म

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-08 07:13 GMT
400 साल बाद श्राप मुक्त हुआ मैसूर राजघराना, रानी ने दिया बेटे को जन्म

डिजिटल डेस्क, मैसूर। मैसूर का "वाडियार राजघराना" सालों बाद किसी कथित श्राप से मुक्त हुआ है। यहां पर 400 सालों बाद पहली बार किसी लड़के का जन्म हुआ है। बताया जा रहा है कि वाडियार राजघराने की रानी त्रिशिका ने बुधवार यानी 6 दिसंबर को एक लड़के को जन्म दिया है। डॉक्टरों ने भी इस बच्चे को हेल्दी बताया है। इसके साथ ही इस राजघराने में 400 साल बाद किसी लड़के की किलकारी गूंजी है। बता दें कि मैसूर राजघराने के 27वें राजा यदुवीर वाडियार ने पिछले साल त्रिशिका सिंह से शादी की है।

पिछले 400 सालों से श्रापित है ये राजघराना

माना जाता रहा है कि मैसूर का वाडियार राजघराना पिछले 400 सालों से श्रापित है। इस राजघरानेे में 1612 से यहां की किसी भी रानी ने आज तक किसी लड़के को जन्म नहीं दिया है। मैसूर के 27वें राजा यदुवीर, मैसूर के आखिरी महाराज श्रीकांतदत्त नरसिम्हाराज वाडियार की बड़ी बहन के बेटे हैं, जिन्हें रानी प्रमोदा देवी ने गोद लिया था। क्योंकि महाराजा श्रीकांतदत्त और रानी प्रमोदा देवी की अपनी कोई संतान नहीं थी। इस राजघराने में पिछले 400 सालों से राजा-रानी को कोई बेटा नहीं हुआ है, इसलिए राज परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए राजा-रानी, परिवार के दूसरे सदस्य के बेटे को गोद लेते आ रहे हैं।

27 जून को हुई थी यदुवीर-त्रिशिका की शादी

वाडियार राजघराने के 27वें राजा यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार की शादी 27 जून 2016 को मैसूर के अंबा पैलेस में हुई थी। पिछले 40 सालों में ये देश की सबसे बड़ी शाही शादी थी। त्रिशिका, राजस्थान की डुंगरपुर विरासत के महाराजा कुमार हर्षवर्धन सिंह और राजकुमारी महेश्री कुमारी की बेटी हैं। इस रॉयल वेडिंग के समय मैसूर पैलेस को जनता के लिए 4 दिन के लिए बंद कर दिया था। इस शाही शादी में दो रेसेप्शन हुए थे। पहला 28 जून को मैसूर पैलेस में जबकि दूसरा बैंग्लोर पैलेस में 2 जुलाई को हुआ था।

पीएम मोदी भी हुए थे शामिल

इस शाही शादी में यदुवीर और त्रिशिका को आशीर्वाद देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। उनके अलावा इस शादी में उस समय के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के अलावा जर्मनी, फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड और अमेरिका के डिप्लोमेट्स भी पहुंचे थे। इसके साथ ही इस शाही शादी में मेवाड़, जोधपुर, उदयपुर और ग्वालियर राजघरानों के राजा-महाराजा भी शामिल हुए थे। बता दें कि इस शाही शादी में 2000 से ज्यादा लोगों ने शिरकत की थी।

कैसे मिला था श्राप? 

वाडियार राजघराने को लेकर मान्यता है कि 1612 में दक्षिण के सबसे शक्तिशाली साम्राज्य विजयनगर के पतन के बाद वाडियार राजा के आदेश पर यहां की धन-संपत्ति को लूट लिया गया था। उस समय विजयनगर की महारानी अलमेलम्मा हार के कारण एकांतवास में चली गई। इसके बाद वाडियार के राजा ने महारानी अलमेलम्मा के पास दूत भेजकर विजयनगर की सारी संपत्ति वाडियार राजघराने को सौंपने को कहा, लेकिन महारानी ने ऐसा करने से मना कर दिया। जिससे नाराज वाडियार राजघराने ने हमला कर विजयनगर के खजाने पर कब्जे की कोशिश की। इससे दुखी होकर महारानी अलमेलम्मा ने श्राप दिया कि जिस तरह तुमने मेरा घर उजाड़ा है, उसी तरह तुम्हारा देश भी वीरान हो जाए। इस वंश के राजा-रानी की गोद सूनी रह जाए। इसके बाद अलमेलम्मा ने कावेरी नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली थी।

10 हजार करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं यदुवीर

25 साल के यदुवीर वाडियार मैसूर राजघराने के 27वें राजा है। बताया जाता है कि इस राजघराने के पास करीब 10 हजार करोड़ की संपत्ति है। यदुवीर के पास बैंग्लोर और मैसूर के पैलेस के साथ-साथ 15 से ज्यादा लग्जरी कार भी हैं। यदुवीर को पिछले साल 23 फरवरी को गोद लिया गया था और उन्हें नया राजा घोषित किया गया। महाराज बनने के बाद उन्हें कृष्णदत्त चामराजा वाडियार के नाम से भी जाना जाने लगा है। कहा जाता है कि वाडियार राजघराना 1399 से मैसूर पर राज कर रहा है। 

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