अब कोई गठबंधन नहीं ! सभी चुनाव अकेले लड़ेगी बसपा- मायावती

अब कोई गठबंधन नहीं ! सभी चुनाव अकेले लड़ेगी बसपा- मायावती

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-24 06:55 GMT
हाईलाइट
  • मायावती की पार्टी बसपा ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ लिया है
  • मायावती ने तीन ट्वीट करते हुए अकेले चुनाव लड़ेने का ऐलान किया है
  • मायावती ने भविष्य में सभी चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया है

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मायावती ने भविष्य में होने वाले सभी चुनाव में बसपा के अकेले लड़ने का ऐलान किया है। समाजवादी पार्टी से गठबंधन को लेकर माया ने अपना रुख साफ कर दिया है। अपने ट्विटर अकाउंट से सपा से गठबंधन तोड़ते हुए मायावती ने लिखा, "" परन्तु लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है। अतः पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी"

मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन का जिक्र करते हुए एक अन्य ट्वीट में लिखा," वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया ""

मायावती ने अपने तीसरे ट्विट में लिखा, "बीएसपी की आल इण्डिया बैठक कल लखनऊ में ढाई घण्टे तक चली। इसके बाद राज्यवार बैठकों का दौर देर रात तक चलता रहा जिसमें भी मीडिया नहीं था। फिर भी बीएसपी प्रमुख के बारे में जो बातें मीडिया में फ्लैश हुई हैं.वे पूरी तरह से सही नहीं हैं, जबकि इस बारे में प्रेसनोट भी जारी किया गया था.""

बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले जब सपा और बीएसपी के गठबंधन का ऐलान हो रहा था तो उस दिन मायावती और अखिलेश यादव के हावभाव को देखकर ऐसा लग रहा था कि अब यह दोनों पार्टियां मिलकर लंबे समय तक राजनीति करेंगी। अंकगणित भी उनके पक्ष में था और गोरखपुर-फूलपुर-कैराना के उपचुनाव में मिली जीत से उत्साह चरम पर था, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों ही नेता जमीनी हकीकत को भांप नहीं पाए और करारी हार का सामना करना पड़ गया।

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में सपा को जहां 5 सीटें मिली हैं वहीं बीएसपी को 10 सीटें। एक तरह से देखा जाए तो बीएसपी को ज्यादा फायदा हुआ है क्योंकि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी को एक भी सीट नहीं मिली थी। दूसरी ओर सारे समीकरणों को ध्वस्त करते हुए बीजेपी 62 सीटें कामयाब हो गई। इस हार के साथ ही बीएसपी सुप्रीमो मायावती सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को निशाने पर ले लिया। 

मायावती ने अखिलेश यादव पर आरोप लगाते हुए कहा था कि गठबंधन के चुनाव हारने के बाद अखिलेश ने मुझे फोन नहीं किया। सतीश मिश्रा ने उनसे कहा कि वे मुझे फोन कर लें, लेकिन फिर भी उन्होंने फोन नहीं किया। मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया और काउंटिग के दिन 23 तारीख को उन्हें फोन कर उनके परिवार के हारने पर अफसोस जताया। तीन जून को जब मैंने दिल्ली की मीटिंग में गठबंधन तोड़ने की बात कही तब अखिलेश ने सतीश चंद्र मिश्रा को फोन किया, लेकिन तब भी मुझसे बात नहीं की। 

 

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