बिना मूंछ की दाढ़ी से डरावने लगते हैं मुस्लिम, यह आतंकियों की भी पहचान बन गई है : वसीम रिजवी

बिना मूंछ की दाढ़ी से डरावने लगते हैं मुस्लिम, यह आतंकियों की भी पहचान बन गई है : वसीम रिजवी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-08 15:02 GMT
बिना मूंछ की दाढ़ी से डरावने लगते हैं मुस्लिम, यह आतंकियों की भी पहचान बन गई है : वसीम रिजवी

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी एक बार फिर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने मुसलमानों की दाढ़ी को लेकर बयान दिया है। रिजवी ने कहा कि दाढ़ी रखना सुन्नत है, लेकिन इसे मूंछ के साथ रखना चाहिए। पिछले 20-25 सालों में कुछ रूढ़ीवादी मुसलमानों ने इसे अपनी पहचान बना लिया है। उन्होंने अपने चेहरे को बड़ी दाढ़ी और बिना मूंछ के डरावना बना लिया है। ये आतंकवादियों के चेहरों की पहचान बन गई है।

 

 

फतवा जारी करने वाले मुल्लाओं पर हो देशद्रोह का मुकदमा
रिजवी ने कहा कि ऐसे मुसलमानों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे मुसलमान शरियत के नाम पर दूसरों की निजी जिंदगी में दखल देते हैं और फतवे जारी करते हैं। उन्होंने केरल की उस घटना का भी जिक्र किया जिसमे मदरसे से एक लड़की को सिर्फ इसलिए निकाल दिया गया था क्योंकि उसने बिंदी लगाई थी। रिजवी ने कहा कि शादी के बाद परंपरा अनुसार, महिलाएं इस देश में बिंदी और सिंदूर लगाती हैं। ऐसी परंपराएं कभी भी हराम नहीं हो सकती। वसीम रिजवी ने कहा कि इस तरह के फतवे देने वाले मुल्लाओं के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए, क्योंकि भारतीय संविधान और भारतीय कानून से अलग हट कर अपना कानून बनाना या आमलोगों के लिए नियम बनाने का अधिकार किसी को नहीं है।

कट्टरपंथी मुल्लाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना चाहिए
रिजवी ने ये भी कहा कि कुछ ऐसे मुस्लिम भारत में हैं जो कश्मीर में ISIS का झंडा देखकर भारत में जिहाद करने का सपना देखते हैं। वे सोचते हैं कि इस तरह से भारत में वे कट्टरपंथी इस्लामिक हुकूमत स्थापित कर लेंगे। उन्होंने कहा कि इन कट्टरपंथी मुल्लाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। इनकी नापाक सोच भारत में बड़े स्तर पर खून खराबे की तरफ इशारा कर रही है।  

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