अफसरों को गोल्फ खिलाने के लिए गौ-शाला की जमीन पर गोल्फ कोर्स बनाएगी शिवराज सरकार

अफसरों को गोल्फ खिलाने के लिए गौ-शाला की जमीन पर गोल्फ कोर्स बनाएगी शिवराज सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-04 09:14 GMT
अफसरों को गोल्फ खिलाने के लिए गौ-शाला की जमीन पर गोल्फ कोर्स बनाएगी शिवराज सरकार
हाईलाइट
  • अफसरों के लिए गौशाला की जमीन पर बनेगा गोल्फ कोर्स
  • कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार का किया घेराव
  • शिवराज कैबिनेट ने केरवा डैम के पास जमीन के लिए मंजूरी भी दे दी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में गौ मंत्रालय बनाने का ऐलान करने वाले शिवराज सिंह चौहान अब गौ-शाला की जमीन पर गोल्फ कोर्स बनाने जा रहे हैं। शिवराज सरकार ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया है कि अपने अफसरों को गोल्फ खिलाने के लिए मुख्यमंत्री गाय की जमीन से गोल्फ का सौदा कर रहे है। 

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर विपक्ष कोई ऐसा मुद्दा नहीं छोड़ना चाहता है जिस पर बीजेपी का न घेरा जा सके। शिवराज सरकार की कमियों और घोटालों को जनता के बीच उजागर करते हुए कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो रही है। बता दें कि भोपाल में करीब 100 एकड़ इलाके में गोल्फ कोर्स बनाने की योजना है। इसके लिए राज्य सरकार ने केरवा डैम के पास जमीन के लिए मंजूरी भी दे दी है। ये जमीन एक फार्म का हिस्सा है, जहां पर सैकड़ों गायों को देखभाल के लिए रखा गया है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार को घेरते हुए कहा है कि गौ मंत्रालय के लिए घोषणा करने वाली शिवराज सरकार अब गायों की जमीन गोल्फ कोर्स के लिए देने जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि तमाम विरोधों को दरकिनार कर कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। कमलनाथ ने कहा, भाजपा गायों की रक्षा और देखभाल के बड़े-बड़े दावे और वादे करती है, लेकिन जमीन हकीकत कुछ ओर नजर आ रही है। शिवराज सरकार से गायों की जमीन गोल्फ कोर्स को दिए जाने की उम्मीद किसी ने नहीं की थी। 

राजस्व मंत्री उमा शंकर गुप्ता ने इस योजना को लाल झंडी दिखाई और कहा कि ये जमीन गोशाला के लिए है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को अभी उनके मंत्रालय के पास नहीं भेजा गया है। राज्य सरकार में मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि मुख्यमंत्री ने इस मसले से जुड़ी एक-दो बातें रखी हैं, जिसपर बात की जा रही है। हालांकि, इस मुद्दे को लेकर शिवराज के मंत्रियों में ही एक सुर नहीं दिखाई दे रही हैं।

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