सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस: अमित शाह को बरी किए जाने के मामले की सुनवाई आज

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस: अमित शाह को बरी किए जाने के मामले की सुनवाई आज

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-17 18:42 GMT
सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस: अमित शाह को बरी किए जाने के मामले की सुनवाई आज
हाईलाइट
  • CBI को अपील करने के निर्देश देने से जुड़ी याचिका पर होगी सुनवाई।
  • बांबे लायर्स एसोसिएशन की ओर से दायर की गई थी याचिका।
  • सोहराबुद्दीन मुठभेड़ केस में अमित शाह को बरी किए जाने के मामले में होगी सुनवाई।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को बरी किए जाने के मामले में CBI को अपील करने के निर्देश देने से जुड़ी याचिका पर 18 सितंबर को सुनवाई करेगा। अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने जस्टिस रणजीत मोरे और जस्टिस भारती डांगरे की बेंच से इस मामले में कुछ वक्त मांगा, जिसके बाद इस पर सुनवाई मंगलवार तक के लिए टाल दी गई।

बता दें कि द बांबे लायर्स एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर रही थी। याचिका में CBI द्वारा आदेश को चुनौती न देने के फैसले को गैरकानूनी, मनमाना और बेईमानीपूर्ण बताया गया है। इसी संगठन ने एक और जनहित याचिका दाखिल की है जिसमें CBI जज बीएच लोया की मौत की छानबीन सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित कर कराए जाने की मांग की है।

अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल सिंह ने कहा कि अमित शाह को बरी करने का फैसला दिसंबर 2014 को आया था और इसे चुनौती देने को लेकर समय सीमा से जुड़ा मामला भी है। वहीं याचिका में दावा किया गया है कि CBI ने 2010 में सुप्रीमकोर्ट में दायर आरोपपत्र में दावा किया था कि इसमें गहरी साजिश है और जांच में साफ हुआ है कि शाह ही इसके मुख्य सूत्रधार हैं। याचिका में दावा किया गया है कि CBI अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रही है।

गौरतलब है कि साल 2005 में गुजरात व राजस्थान पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन मारा गया था। इस मामले में दायर सीबीआई की पहली चार्जशीट के मुताबिक 23 नवंबर 2005 को सोहराबुद्दीन और कौसर बी एक बस में हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहे थे कि तभी गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने उनकी बस रोकी। पुलिस सिर्फ़ सोहराब को बस से उतारना चाहती थी लेकिन कौसर बी भी अपने पति के साथ उतर गई। इसके बाद इस जोड़े को अहमदाबाद के बाहर एक फार्महाउस ले जाया गया और तीन दिन बाद एक फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया। इस मामले में डीजी वंजारा समेत अमित शाह जैसे बड़े नाम शामिल थे। सोहराबुद्दीन केस की सुनवाई कर रहे सीबीआई जज लोया की भी 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में संदिग्ध परस्थितियों में मौत हो गई थी। विपक्ष उनकी इस मौत पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर उंगली उठाता रहा है।

Similar News