चीन की करतूत से ब्रह्मपुत्र को खतरा, काला हो रहा पानी?

चीन की करतूत से ब्रह्मपुत्र को खतरा, काला हो रहा पानी?

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-29 16:02 GMT
चीन की करतूत से ब्रह्मपुत्र को खतरा, काला हो रहा पानी?

डिजिटल डेस्क, इटानगर। अरुणाचल प्रदेश में जीवनरेखा मानी जाने वाली सियांग नदी (ब्रह्मपुत्र) पर खतरा मंडराने लगा है। इस वक्त इसका रंग काला पड़ जाने से लोग परेशान हैं। नदी के इस हाल से पिछले डेढ़ महीने में सैकड़ों मछलियों की जान भी चली गई। इसमें चीन की साजिश होने की बात सामने आ रही है। लगभग दो महीनों से पानी में मिट्टी, कीचड़ और गंदगी देखने को मिल रही है। ऐसे में इसका पानी किसी भी काम में इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।

सियांग नदी चीन से निकलकर अरुणाचल प्रदेश के पाशीघाट से होते हुए बहती है। यह यह नदी तिब्बत में आती है तो यहां यह यारलंग जांगबो कहलाने लगती है। जबकि, भारत के असम राज्य में आकर यह ब्रह्मपुत्र के रूप में जानी जाती है। यह नदी जितनी चीन और तिब्बत के लिए महत्वपूर्ण है, उतनी ही भारत के अरुणाचल प्रदेश, असम समेत पूर्वी राज्यों के लिए भी जीवनरेखा का काम करती है।

इस जीवनरेखा नदी का रंग तेजी के साथ लगातार काला पड़ने लगा है। इसके पीछे चीन की चाल होने की आशंका जताई जा रही है। कई बार भारतीय खुफिया एजेंसियों ने यह आशंका जताई है कि चीन ने इस नदी की दिशा बदलने की कोशिश कर रहा है। यह भी माना जा रहा है कि नदी के बहाव की दिशा बदलने के लिए बीजिंग 1 हजार किमी लंबी सुरंग बनाने की योजना बना रहा है। जबकि चीन ने अपने ऊपर लगे उन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

डिप्टी कमिश्नर ताम्यो तातक ने इस बारे में कहा, "यह पानी किसी भी काम में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसमें सीमेंट जैसी पतली चीज है। यही कारण है कि तकरीबन डेढ़ महीने पहले ढेर सारी मछलियों की मौत हो गई थी।" तातक ने कहा, "जल आयोग ने इस बाबत सियांग नदी के पानी के सैंपल लिए हैं। आशंका है कि इसके पीछे चीन की चाल हो सकती है। ऐसा लगता है कि चीन में नदी के ऊपर सीमेंट से जुड़ा कुछ काम चल रहा है। हो सकता है कि वहां गहरी बोरिंग से जुड़ा कोई काम हो रहा हो। इसके अलावा इतनी बड़ी नदी के दो महीनों में काले पड़ने के पीछे क्या कारण हो सकता है, जो आगे चलकर ब्रह्मपुत्र बन जाती है।"

उन्होंने आगे बताया, "पिछले मॉनसून सीजन में भी नदी का रंग काला पड़ गया था। तब उसमें ढेर सारी मिट्टी और कीचड़ देखने को मिला था। बरसात का मौसम लंबा रहता है। लेकिन पानी अभी भी काला ही है। नवंबर से फरवरी तक पानी बिल्कुल साफ-सुथरा और चमकदार रहता है। यहां तक कि मेरे दादा जी ने भी सियांग को ऐसा होते कभी नहीं देखा या सुना।"

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