सुधर जाओ नहीं तो हिन्दू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म अपना लूंगी : मायावती
सुधर जाओ नहीं तो हिन्दू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म अपना लूंगी : मायावती
डिजिटल डेस्क, आजमगढ़। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्षा मायावती ने यूपी के आजमगढ़ में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हिन्दू धर्म त्यागने की धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर बीजेपी ने देश को बांटना जारी रखा और हिंदू धर्म गुरूओं का समर्थन मोदी को मिलता रहा तो वे हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लेंगी। मायावती ने कहा, "अगर बीजेपी ने दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों के प्रति अपनी सोच नहीं बदली तो मुझे भी हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाना पड़ेगा।"
भीमराव अंबेडकर द्वारा हिन्दू धर्म की वर्ण व्यवस्था के कारण बौद्ध धर्म अपनाने की बात याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने दलितों और के साथ हो रहे भेदभाव को दूर करने के लिए तत्कालीन शंकराचार्यों और साधु-संतों से आग्रह किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी कारण अंबेडकर जी ने हिन्दू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म अपनाया था। उन्होंने कहा, "अंबेडकर जी के बौद्ध धर्म अपनाने के बाद भी हिंदू समाज नहीं सुधरा। अब मुझे भी अंबेडकर जी के रास्ते पर चलना होगा।"
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि वे फिलहाल बीजेपी और हिंदू धर्म गुरूओं को यह सब भेदभाव खत्म करने का मौका दे रही हैं, अगर इसके बावजूद कुछ नहीं बदला तो वे अपने करोड़ों कार्यकर्ताओं के साथ हिन्दू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म की दीक्षा ले लेंगी।
सभा में मायावती ने हैदराबाद के रोहित वेमुला कांड और गुजरात में ऊना कांड का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने इन घटनाओं के पीछे संघ की विचारधारा का हाथ बताते हुए कहा कि बीजेपी-संघ की विचारधारा के चलते आज पूरे देश में डर का माहौल है। उन्होंने इस दौरान सहारनपुर में हुए ठाकुर-दलित संघर्षों की घटना का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "सहारनपुर दंगों में दलितों का उत्पीड़न हुआ, इन दंगों के दौरान बीजेपी ने मेरी हत्या की भी साजिश रची। जब यह मुद्दा मैंने राज्यसभा में उठाया तो मुझे बोलने नहीं दिया गया। इसी वजह से मुझे राज्यसभा से इस्तीफा देना पड़ा।"